G20 शिखर सम्मेलन में दुनिया देखेगी ‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी, ऋग्वेद और अथर्ववेद युग से है संबंध!


वेद सिर्फ ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और विरासत है। वेद तार्किक है, व्यवहारिक है और वेद यथार्थ भी है, जो आज दुनियाभर के लिए रिसर्च का विषय है। इस बात को ध्यान में रखकर G20 शिखर सम्मेलन स्थल पर ऋग्वेद और अथर्ववेद के युग से जुड़ी ‘लोकतंत्र की जननी’ का प्रदर्शन किया जा रहा है।

‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी

दरअसल G20 शिखर सम्मेलन स्थल पर ‘लोकतंत्र की जननी’ नामक प्रदर्शनी 26 इंटरैक्टिव पैनल के जरिए 20 देशों की लोकतांत्रिक प्रणाली में इनसाइट प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य करेगी, जो हिंदू धार्मिक ग्रंथों ‘ऋग्वेद’ और ‘अथर्ववेद’ के युग से शुरू होती है।

‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी का उद्देश्य ?

प्रदर्शनी का उद्देश्य कई देशों की लोकतंत्र व्यवस्था को प्रदर्शित करना है। इसके साथ इस प्रदर्शनी के जरिए सदियों से भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग रहे लोकतंत्र को बताना भी है। इसमें 26 इंटरैक्टिव पैनल हैं जिसमें ऋग्वेद और अथर्ववेद और राजा अशोक के युग से शुरू होने वाली देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को विस्तृति रूप से दिखाया गया है।

यह इस बात पर भी प्रकाश डाला जाएगा कि भारतीय सिद्धांतों के अनुसार शासन करने का अधिकार वंशानुगत होने के बजाय योग्यता या आम सहमति के जरिए अर्जित किया जाता रहा है। प्रदर्शनी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय चुनावों के बारे में समर्पित होगा।


एआई अवतार से अतिथियों का स्वागत

भारत आने वाले सभी अतिथियों के आने पर एक एआई अवतार द्वारा उनका स्वागत होगा। संस्कृति मंत्रालय के अनुसार प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण सिंधु सरस्वती सभ्यता की एक लड़की की 5 फुट लंबी, 120 किलोग्राम कांस्य रेप्लिका होगी, जो हॉल के केंद्र में एक ऊंचे पोडियम पर घूमती है।

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के दृश्यों की झलक

जी-20 प्रदर्शनी कई मायनों में खास होगी। इसमें एक बड़ी वीडियो स्क्रीन भी होगी जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के दृश्यों को दिखाया जाएगा। प्रदर्शनी के कंटेंट को ऑडियो सहित, 16 वैश्विक भाषाओं में भी प्रस्तुत किया जाएगा। जिससे यह विविध दर्शकों के लिए सुलभ होगा।
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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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