दिल्ली में रहने वाले, ग्रुप ए और बी के कर्मचारियों को हफ्ते में कम से कम एक बार एक बार डीटीसी और क्लस्टर बसों में यात्रा करनी होगी. इसके लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की तरफ से बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि सफर के दौरान ग्रुप ए और बी के कर्मचारियों को अपना फीडबैक भी देना होगा.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार के लिए उठाया कदम
दिल्ली के Transport Minister कैलाश गहलोत का कहना है कि हम सार्वजनिक परिवहन सिस्टम में ज्यादा से ज्यादा सुधार करना चाहते हैं, ताकि दिल्ली वासियों को आरामदायक सफर का लाभ मिल सके. इसके लिए हमारे अधिकारी विश्व स्तरीय सार्वजनिक परिवहन बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए बहुत उत्साहित और प्रतिबद्ध हैं. इसमें दिल्ली की जनता की भागीदारी भी बहुत जरुरी है.
अधिकारी देंगे फीडबैक
कैलाश गहलोत अपने दिल्ली के नागरिकों से अपील करते हैं कि वे सार्वजनिक बसों में सफर के दौरान उनके अधिकारियों से मिलें और उन्हें बताएं कि वे सार्वजनिक परिवहन सिस्टम में क्या बदलाव देखना चाहते हैं. सुझावों और मुद्दों का संज्ञान लेकर बदलाव किया जाएगा.
फीडबैक के लिए भरना होगा प्रोफार्मा
डीटीसी बसों में सफर करने वाले ग्रुप ए और बी के अधिकारियों को बसों में सेवा की गुणवत्ता संबंधी विभिन्न मानकों पर एक प्रोफार्मा भर कर फीडबैक देना होगा. इस माध्यम से, दिल्ली सरकार का उद्देश्य स्थायी सार्वजनिक परिवहन में बदलाव कर दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की बेहतरी के लिए जीवन शैली में बदलाव है.
150 इलेक्ट्रिक बसों को दिखाई हरी झंडी
May 24 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयं 150 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के विभिन्न रूटों पर रवाना किया था. दिल्ली सरकार द्वारा खरीदी गई बसों को एक बार फुल चार्ज करने पर लगभग 180 किलोमीटर तक की दूरी तय करती हैं. डीटीसी अधिकारियों का कहना है कि सामान्य सीएनजी बसों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक बसें 1.6 लाख टन कम पीएम-2.5 और 1. 7 लाख टन कम पीएम 10 का उत्सर्जन करेंगी.