BIHAN: छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों को सशक्त बनाने की पहल

BIHAN: “बिहान” छ्त्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का एक उपक्रम है। छत्तीसगढ़ी में बिहान का मतलब “सबेरा” होता है। यह मिशन अपने नाम के अनुरूप ही काम कर रही है। बिहान (BIHAN) तहत लाखों ग्रामीणों और वंचित लोगों के जीवन का स्तर सुधऱा है। ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पाना कठिन नही रह गया है।

क्या है “बिहानका मिशन

बिहान (BIHAN) का मिशन छत्तीसगढ़ के गरीब ग्रामीण परिवारों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें समाज में सशक्त और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। यह मिशन ग्रामीणों और मजदूरों को उनके हुनर और उनकी क्षमता के अनुसार इस तरह तैयार करती है कि वह खुद अपना रोजगार पा सकें। इस मिशन के तहत अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं जिसकी बदौलत अब तक हजारों ग्रामीणों के जीवन में बदलाव आया है।

क्या है BIHAN का उद्देश्य ?

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का बिहान (BIHAN) पूरी तरह से ग्रामीण छत्तीसगढ़ पर केंद्रित है। बिहान के मुख्य उद्देश्य कुछ इस तरह से हैं।

  • ग्रामीण गरीब परिवार से कम से कम एक महिला को संगठित कर महिला स्व-सहायता समूह से जोड़ना।
  • स्व सहायता समूह के सामूहिक संस्थाओं जैसे विलेज ऑर्गेनाइजेशन, संकुल स्तरीय संगठन,  विकासखंड स्तरीय संगठन और जिला स्तरीय संगठन का निर्माण करना।
  • समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन, वित्तीय सहायता देना, उत्पादो के लिए बाजार और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना ।
  • अलग-अलग गतिविधियों और प्रशिक्षण के जरिए ग्रामीण परिवारों की सालाना आय में कम से कम 1 लाख रुपए की बढ़ोतरी करना।

बिहान की कृषि क्षेत्र की योजनाएं

कृषि के माध्यम से ग्रामीणों को आजीविका प्रदान करने के लिए बिहान के तहत कृषि से जुड़ी कुछ योजनाएं चलाई जा रही है। जिसके माध्यम से ग्रामीण महिलाएं कृषि से जुड़े काम सीखकर स्थाई रूप से रोजगार पा सकें। इसके तहत पशु सखी, कृषि मित्र, आजीविका मित्र जैसे काम सीखकर अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं। इसके तहत कृषि से जुड़े कुछ प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं जो इस तरह है-

  • सस्टेनेबल एग्रीकल्चर
  • महिला किसान सशक्तिकरण
  • समुदाय आधारित संवहनीय कृषि

युवाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण

छत्तसीगढ़ में बिहान के तहत ही DDU-GKY, यानी दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना का संचालन किया जाता है। यह रोजागरउन्मुखी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसके तहत ग्रामीण इलाके के युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाता है। इतना ही नहीं प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार भी प्रदान किया जाता है।

DDU-GKY में कौन ले सकता है प्रशिक्षण?

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ग्रामीण युवा प्रशिक्षण ले सकते हैं। जिनकी उम्र 15 से 35 साल के बीच हो । आदिम जनजाति समूह, दिव्यांग, अवैध व्यापार से पीड़ित, किन्नर और HIV पीड़ीतों के लिए अधीकतम उम्र 45 वर्ष रखी गई है।

Positive सार

ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों से गरीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को जून 2011 से शुरु किया गया और छत्तीसगढ़ में इसे “बिहान” नाम दिया गया। इस मिशन ने ग्रामीणों को ना सिर्फ आर्थिके रूप से सशक्त बनाया है बल्की उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य का महत्व भी सिखाया है। कौशल प्रशिक्षण पाकर अब गांव के युवा बिहान के माध्यम से नए रोजगारों से जुड़ रहे हैं। बिहान ने अपने नाम के अनुसार ही ग्रामीणों को जीवन में नया सबेरा लाने का काम किया है। 

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Rishita Diwan

Content Writer

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