Bar Council of India: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर के प्राइवेट लॉ कॉलेज और लॉ यूनिवर्सिटीस के लिए एक निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के बाद अब कोई भी (Private Law Colleges) निजी विधि कॉलेज या यूनिवर्सिटी ‘राष्ट्रीय’ शब्द का उपयोग अपने आयोजनों में नहीं कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है बार काउंसिल के इस निर्देश का कारण।
क्या है बार काउंसिल का निर्देश?
बार काउंसिल के निर्देश के मुताबिक लॉ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में आयोजित होने वाले किसी कार्यक्रम के साथ राष्ट्रीय शब्द का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। बार ने स्पष्ट किया कि (Private Law Colleges)प्राइवेट लॉ इंस्टिट्यूट्स में होने वाले (Moot Court Competition)मूट कॉम्पिटिशन, सेमिनार, सम्मेलन या किसी भी तरह के आयोजन के साथ राष्ट्रीय, भारत, भारतीय, इंडिया, इंडियन जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया जा सकता।
क्यों लगाई गई ये रोक?
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council Of India)का कहना है कि किसी भी प्रोगराम में भारतीय, भारत, इंडिया, इंडियन या राष्ट्रीय शब्द लगाने से उस कार्यक्रम के राष्ट्रीय होने का भ्रम पैदा होता है। इससे प्रतीत होता है कि आयोजित किया जाने वाला प्रोगराम पूरे देश को रिप्रेजेंट कर रहा है। कानून से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का आयोजन सिर्फ बार काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज या सरकार से जुड़े विधि विभाग ही कर सकते हैं।
निर्देश नहीं मानने पर क्या होगा?
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council Of India)के सचिव श्रीमंतो सेन ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। बार काउंसिल के द्वारा बैन किए गए राष्ट्रीय के साथ सभी शब्दों का उपयोग आयोजनों के साथ करना प्रतीक और नाम का उल्लंघन माना जाएगा। जारी किए गए सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि ऐसा करने पर यूनिवर्सिटी और कॉलेज की मान्यता रद्द की जा सकती है।