

हाल के दिनों प्रदूषण को लेकर बहस काफी तेज हुई है। हो भी क्यों न पूरी दुनिया प्रदूषण की समस्या से दो चार हो रही है। आप राजधानी दिल्ली को देखेंगे तो वहां की हवा की क्वालिटी बहुत खराब स्थिति में है। खासकर 04 नवंबर के आसपास दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडैक्स की सबसे खराब हालत थी।
इस स्थिति से निपटने के लिए यह सुझाव दिया गया है कि घर से बिल्कुल न निकलें, लेकिन ये प्रदूषित हवा तो घर में भी आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
लोग आजकल प्रदूषित हवा से बचने के लिए अपने घरों और ऑफिसों में एयर प्यूरीफायर की सुविधा करवा रहे हैं। पर क्या ये एयर प्यूरीफायर सच में उपयोगी हैं? जानते हैं क्या और कैसे काम करता है एयर प्यूरीफायर, कितना जरूरी है ये..
एयर प्यूरीफायर के बारे में
एयर प्यूरीफायर वह टेक्नॉलजी है जिसका इस्तेमाल किसी बंद जगह जैसे घर या ऑफिस आदि में अंदर की हवा में मौजूद दूषित पदार्थों को अलग कर हवा की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए होता है। एयर प्यूरीफायर को ही एयर क्लीनर भी कहते हैं। इनका काम हानिकारक अवशेषों को कम करना और अशुद्ध हवा से होने वाली एलर्जी और अस्थमा के खतरे रोकने का होता है।
एयर प्यूरीफायर कमरे में मौजूद हवा को अंदर खींचता है। फिर यह कैद हुई हवा को कई तरह के फिल्टर्स करके पास करता है। यहां इस हवा में मौजूद कई तरह के प्रदूषक तत्व अलग-अग होते हैं। प्यूरीफायर का हवा साफ करना कमरे के आकार पर डिपेंड करता है। एक सामान्य आकार के कमरे की हवा शुद्ध करने में इसे 15 से 30 मिनट लगते हैं।
HEPA: यह एक मेकैनिकल एयर फिल्टर है, जो दूषित तत्वों को अपनी ओर खींचने का काम करता है। एक सही HEPA फिल्टर 99.97 फीसदी डस्ट के साथ-साथ बैड बैक्टीरिया और वायरस को भी खुद में कैद करता है।
IONIC: यह फिल्टर एयर क्लीनिंग टेक्नोलॉजी से युक्त है, ये हवा के दूषित तत्वों को इलैक्ट्रिकल सरफेस से ऑपरेट कर 0.01 माइक्रोन साइज के कणों को भी खत्म करता है।
प्यूरीफायर की क्षमता
क्लीन एयर डिलीवरी रेट किसी एयर प्यूरीफायर की क्षमता को मापने का एक अंतरराष्ट्रीय मापक है। इसे क्षेत्रफल के आधार पर माप सकते हैं। यह किसी भी प्यूरीफायर के हवा को शुद्ध करने में लगने वाले समय के बारे में जानकारी देता है।