Kerala Tourism ने ट्विटर पर एक खूबसूरत वीडियो शेयर किया है। यह वीडियो है 500 साल पुराने ‘कन्नीमारा सागौन’ के पेड़ का है। साइंटिस्ट का कहना है- कि, परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व (Parambikulam Tiger Reserve) केरल (Kerala) में स्थित इस पेड़ की ऊंचाई पिछले 5 सालों में 1.85 मीटर और परीधि (circumference) 9 सेंटीमीटर बढ़ी है। दुनिया के सबसे ऊंचे सागौन के पेड़ों में से एक है कन्नीमारा की ऊंचाई 2017 में 30.98 मीटर थी।
इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए केरल टूरिज्म ने कहा कि- “The legend grows!, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व के पेड़ में कन्नीमारा सागौन के पेड़ की ऊंचाई पिछले पांच वर्षों में 1.85 मीटर और परिधि में 9 सेमी बढ़ी है।”
परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य
केरल के पालक्काड से 110 कि.मी. की दूरी पर स्थित है परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य। यह अभयारण्य तमिलनाडु के अन्नामलाई पर्वत श्रृंखला और केरल के पालक्काड ज़िले में नेल्लियमपती पर्वत श्रृंखला की घाटियों में फैली है।
खूबसूरत परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व हरियाली की एक अनोखी दुनिया है। परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य पश्चिमी घाट के 285 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला है। परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य फिलहाल यूनेस्को (UNESCO) की विश्व
धरोहर समिति द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में चयन के लिए विचाराधीन है।
परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व स्वदेशी लोगों की चार अलग-अलग जनजातियों का निवास है। यहां मालासर, कादर, माला मलारसर और मुदुवर जनजाति रहती है।6 कॉलोनियों में इन लोगों की बसाहट है। यहां रहने वाले आदिवासी कॉलोनियों के लोग ट्रेक और सफारी के लिए गाइड का काम करते हैं। उन्हें कई इको-पर्यटन पहलों के माध्यम से रोजगार मिलता है।