President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का 25 और 26 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में कार्यक्रम है। इन दो दिनों में (President Droupadi Murmu )राष्ट्रपति, रायपुर NIT, AIIMS, IIT भिलाई और पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हेल्थ साइंस एवं आयुष युनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय योजना महतारी वंदन योजना की नौवीं किस्त भी जारी करेंगी। राष्ट्रपति ने पुरखौती मुक्तांगन में नए सरगुजा प्रखंड का भी लोकार्पण किया।
महतारी वंदन लाभार्थियों को सौगात
छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए चलाए जा रहे महतारी वंदन योजना (mahatari vandan yojna) की किस्त (President Droupadi Murmu ) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जारी की। आपको बता दें ये महतारी वंदन योजना की नौवीं किस्त थी। दिवाली की वजह से समय से पहले एक हजार रुपए की राशी लाभार्थियों के खाते में डाली गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पुरखौती मुक्तांगन नया रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में बटन दबाकर एक साथ ये सौगात दी।
मुक्तांगन के सरगुजा प्रखंड का लोकार्पण
राष्ट्रपति ने अपने दौरे में (Naya Raipur) नया रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन (Purkhauti Muktangan)के सरगुजा प्रखंड का भी लोकार्पण किया। सरगुजा प्रखंड पुरखौती मुक्तांगन का एक भाग है यहां 20 एकड़ में सरगुजा-जशपुर की लोक संस्कृति और प्रकृतिक सुंदरता को दिखाया गया है। सरगुजा प्रखंड में जशपुर में रहने वाले जनजातियों की जीवन शैली और उनकी संस्कृति की झलक देखने मिलती है।
सरगुजा प्रखंड में क्या है खास
पुरखौती मुक्तांगन के सरगुजा प्रखंड में सरगुजा के खास पर्यटन स्थल और दार्शनिक स्थलों की प्रतिक्रिती बनाई गई है। यहां पहाड़ों पर सुंदर मैनपाट को दिखाया गया है। इसके साथ ही दर्शनीय स्थलों को भी प्रतिकात्मक रूप में तैयार किया गया है। सरगुजा के प्राकृतिक स्थलों में सरभंजा वॉटर फॉल, टाइगर प्वॉइंट और मछली प्वॉइंट भी बनाए गए हैं। साथ ही मैनपाट का मुख्य आकर्षण बौद्ध मंदिर और तिब्बती जीवन शैली की सुंदरता को भी प्रदर्शित किया गया है।
पुरखौती मुक्तांगन की खासियत
नया रायपुर का पुरखौती मुक्तांगन (Purkhauti Muktangan) छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति और उनकी जीवन शैली का प्रतीक है। यहां उनके आवास, पहनावा और त्योहारों को दर्शाया गया है। पुरखौती मुक्तांगन में बस्तर की धुरवा, अबूझमाड़िया, दंडामीमाड़िया जनजाति के ट्राइबल हाउस बनाए गए हैं। इन घरों में आदिवासियों के द्वारा उपयोग किया जाने वाला सामान भी रखा गया है। इतना ही नहीं यहां आपको आदिवासियों का मंदिर जिसे वो मातागुड़ी कहते हैं भी देखने को मिलेगा।