Power of voter: हमारी सरकार-हमारा अधिकार, कैसे लोकतंत्र को मिला मजबूत आधार?

Power of voter: चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है और वोटर्स ऊर्जा हैं। किसी त्यौहार का वो उत्सव हैं मतदाता जो एक बड़े पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जैसे चुनाव का महापर्व- ‘भारतपर्व’ ये लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों को अभिव्यक्त करता है।

मतदाता की शक्ति

Power of voter यानी कि मतदाता की शक्ति, एक वोट की शक्ति और सरकार की शक्ति, ये सभी एक ही में समाहित हैं। स्वतंत्रता और स्वाधीनता की शक्ति हमारी अपनी है। नागरिक सहभागिता की शक्ति हमारी है। सत्ताधारी की जांच की शक्ति हमारी है और शक्ति का संवितरण भी हमारी शक्ति है। तो हुए न हम मजबूत लोकतंत्र का आधार।

मतदाता की शक्ति की परिभाषा

मतदाता की शक्ति और लोकतंत्र के पर्व को सरल और डिटेल में समझाने के लिए ही हम आपके लिए लाए हैं ‘भारत पर्व’ जिसमें आप जानेंगे कि कैसे आपका एक वोट देश के निर्माण में भागीदार है। कैसे ये लोकतंत्रिक समाजों में सामाजिक समरसता, न्याय और समानता को स्थापित करता है। कैसे आपके निर्णय लेने की क्षमता को डेवलप करती है और कैसे आपकी राजनीतिक प्रतिनिधित्व के चयन में भागीदारी को बढ़ाती है।

Positive सार

मतदाता की शक्ति (Power of voter) लोगों को राजनीतिक प्रक्रियाओं की सहभागी बनाती है, जैसे कि मतदान करना, चुनाव लड़ना, राजनीतिक दलों में शामिल होना, और सार्वजनिक नीतियों पर आपत्ति दर्ज करना। तो क्या आपको इनके बारे में पता था। अगर आप इन्हें और डिटेल में जानना चाहते हैं तो देखना मत भूलिएगा भारतपर्व हर शनिवार शाम 7 बजे seepositive पर

Shubhendra Gohil

Content Writer

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