Power of Chief Minister: भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जिसका मतलब है कि भारत अपने नागरिकों का देश है। यहां राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों तक का चुनाव भारत के लोग करते हैं। शिक्षा से लेकर नौकरियों तक, संसाधन से लेकर अधिकार तक हर भारतीय को एक जैसे अधिकार मिले हैं। भारत में 28 राज्य एवं 8 केंद्र शासित राज्य हैं। जैसे देश की लीडरशिप प्रधानमंत्री अपने मंत्रीमंडल के साथ करते हैं वैसे ही राज्य की लीडरशिप मुख्यमंत्री के हाथ में होती है। इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे कि कैसे होता है राज्य के Chief Minister का चुनाव और साथ ही Power of Chief Minister भी जानेंगे।
संविधान से मिली हैं मुख्यमंत्री को शक्तियां
भारतीय संविधान में आर्टिकल 164 के तहत ये बताया गया है कि Chief Minister की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि राज्यपाल किसी को भी राज्य या केंद्रशासित राज्य का Chief Minister बना सकता है। दरअसल इसके लिए एक पूरी प्रक्रिया होती है।
राज्यपाल के पास ऐसे पहुंचता है मुख्यमंत्री का नाम
Chief Minister अपने राज्य के विधानसभा में सबसे बड़े दल का लीडर होता है। चुनाव के बाद जिस पार्टी को बहुमत हासिल होता है वो पार्टी अपने बीच से एक लीडर चुनता है, जिसे मुख्यमंत्री बनाने की सहमति सभी से ली जाती है। पार्टी आपस में मुख्यमंत्री के नाम का चुनाव करने के बाद Chief Minister के लिए नाम राज्यपाल को प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद राज्यपाल राज्य के Chief Minister की नियुक्ति करता है।
मुख्यमंत्री के कार्य और शक्तियां
- काउंसिल मिनिस्टर के संबंध में मुख्यमंत्री की शक्तियां
- मुख्यमंत्री राज्यपाल को ये सलाह देता है कि वो किसे अपने राज्य के कैबिनट में जगह देंगे या मंत्री बनाएंगे।
- मुख्यमंत्री की सलाह पर ही मिनिस्टर की नियुक्ति करते हैं।
- मुख्यमंत्री अपने मिनिस्टर्स में डिपार्टमेंट्स को बांट सकते हैं।
- मुख्यमंत्री के पास ये भी अधिकार होते हैं कि किसी भी तरह के मतभेद की स्थिति में वो अपने मिनिस्टर से इस्तीफा मांग सकते हैं।
- अपने कैबिनेट मिनिस्टर्स को गाइड करने के साथ ही उन्हें कंट्रोल भी कर सकते हैं।
- अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा देता है तो पूरे कैबिनेट मिनिस्ट्री को इस्तीफा देना पड़ता हैं।
राज्यपाल से जुड़ी मुख्यमंत्री की शक्तियां
- राज्यों के एडमिनिस्ट्रेशन से संबंधित मंत्री परिषद के सभी निर्णयों के बारे में Chief Minister को राज्यपाल को जानकारी देनी होती है।
- अगर राज्यपाल अपने लिए गए निर्णयों या एडमिनिस्ट्रेशन से संबंधित कोई जानकारी मांगते हैं, तो Chief Minister को उन्हें वह जानकारी देनी होती है।
- अगर कैबिनेट के विचार के बिना कोई निर्णय लिया गया हो, तो राज्यपाल मंत्री परिषद से विचार करने को कह सकते हैं ।
- Chief Minister अटॉर्नी जनरल, राज्य लोक सेवा आयोग (अध्यक्ष और सदस्य), राज्य चुनाव आयोग जैसे महत्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल को अपनी राय दे सकते हैं।
विधानमंडल में मुख्यमंत्री की शक्तियां
- राज्य के लिए सभी पॉलिसी की घोषणा Chief Minister हाउस फ्लोर पर ही करते हैं।
- Chief Minister राज्यपाल से कैबिनेट को खत्म करने की सिफारिश करते हैं।
- Chief Minister राज्यपाल को समय-समय पर स्टेट असेंबली के सेशन्स बुलाने, स्थगित करने के संबंध में सलाह देते हैं।
मुख्यमंत्री के दूसरे महत्वपूर्ण कार्य
- Chief Minister जमीनी स्तर पर लोगों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहते हैं और उनकी परेशानियों के बारे में जानने का अधिकार रखते हैं। ताकि सदन में वो इससे संबंधित पॉलिसी बना सकें।
- Chief Minister राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
- Chief Minister एक साल के लिए रोटेशन में संबंधित क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष भी होते हैं।
- Chief Minister आपातकाल के दौरान राज्य में संकट प्रबंधक की भूमिका निभाते हैं।
Positive सार
मुख्यमंत्री राज्य का प्रमुख होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि वो सभी काम अपनी मर्जी से करते हैं। उनके पास कैबिनेट मिनिस्टर्स और राज्यपाल से सलाह लेने का अधिकार होता हैं । मुख्यमंत्री अपने राज्य के विकास के लिए उत्तरदायी होता है साथ ही उनकी जिम्मेदारी भी होती है कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को शांति, कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर जीवन का हक मिले।