Operation Sindoor Diplomacy: भारतीय सेना की बड़ी और सफल कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी आक्रामक रुख अपना लिया है। इसके तहत ‘ऑपरेशन सिंदूर डिप्लोमेसी’ की शुरुआत की गई है। इसका मकसद साफ है, दुनिया को यह बताना कि भारत आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा है और पाकिस्तान की झूठी कहानियों का सटीक जवाब देना।
32+ देशों का चुनाव क्यों?
भारत की यह पहल सिर्फ एक सामान्य डिप्लोमैटिक विजिट नहीं है, बल्कि पूरी रणनीति के तहत चुने गए 33 देशों का दौरा किया जा रहा है। इनमें से
- 15 देश UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) के स्थायी या अस्थायी सदस्य हैं।
- 5 देश जल्द ही UNSC का हिस्सा बनने वाले हैं।
- बाकी वो देश हैं जिनकी वैश्विक राजनीति में गहरी पकड़ और अहम भूमिका है।
- इन देशों के जरिए भारत को वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जुटाना है।
पाकिस्तान की फेक स्टोरी का जवाब
हाल ही में पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद UNSC से आतंकी संगठन ‘The Resistance Front’ का नाम हटवाने की कोशिश की थी। भारत का कहना है कि ये न सिर्फ आतंकी संगठन हैं, बल्कि पाकिस्तान की सेना के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं।
भारत इन दौरों में ऐसे ठोस सबूत पेश करेगा, जैसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद मारे गए आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी की तस्वीरें।
कौन-कौन गए हैं डेलिगेशन में?
इस मिशन में सात अलग-अलग डेलिगेशन शामिल हैं, जिनमें कुल 51 सांसद, पूर्व मंत्री और पूर्व राजनयिक शामिल हैं। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता शामिल हैं,
- बीजेपी- रविशंकर प्रसाद, बैजयंत जय पांडा, अपराजिता सारंगी
- कांग्रेस- शशि थरूर, सलमान खुर्शीद
- शिवसेना- जेडीयू, डीएमके, एनसीपी और CPI(M) से भी प्रमुख नेता
ये टीमें सऊदी अरब, अमेरिका, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, यूएई, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ब्राजील जैसे देशों में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगी।
शेड्यूल और देश
उदाहरण के तौर पर, संजय झा की अगुआई वाला ग्रुप,
22 मई- जापान
24 मई- साउथ कोरिया
27 मई- सिंगापुर
28 मई- इंडोनेशिया
31 मई मलेशिया
क्यों जरूरी ये कूटनीतिक ऑपरेशन?
7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने 9 बड़े आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। यह जवाब था 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
भारत अब दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि,
- वह आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाता है।
- सिंधु जल संधि भी सस्पेंड रहेगी, जब तक पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन देना बंद नहीं करता।
- भारत झूठे नैरेटिव्स को नहीं चलने देगा।
- जवाब तथ्यों और सबूतों के साथ दिया जाएगा।
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भारत की एकजुटता और नया रुख
इस डिप्लोमेसी मिशन से भारत यह संदेश देना चाहता है कि अब वह सिर्फ डिफेंसिव नहीं रहेगा, बल्कि ग्लोबल लेवल पर आतंकवाद के खिलाफ अगुवाई करेगा। भारत यह भी स्पष्ट कर रहा है कि वो अब शब्दों में नहीं, एक्शन और कूटनीति दोनों से जवाब देगा।