Operation Sindoor Diplomacy: अब भारत ने सिर्फ़ शब्दों में नहीं, बल्कि कूटनीतिक कार्यवाही में भी यह स्पष्ट कर दिया कि अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस तरह से भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, उसी संकल्प को अब वह पूरी दुनिया के सामने रख रहा है, एक मज़बूत आवाज़, एक स्पष्ट संदेश के साथ।
दुनिया को दिखाना पाकिस्तान का चेहरा
भारत सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 32 देशों में भेजा है। जहां आतंकवाद को अब नहीं सहने का संदेश भारत दे रही है। इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व देश के प्रतिष्ठित सांसद और पूर्व राजनयिक कर रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य है –
“भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति” को वैश्विक मंचों पर पहुँचाना और पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को बेनकाब करना है।
सात दिशाओं में भारत की आवाज़
इन सात समूहों में कुल 59 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 31 एनडीए के और 20 विपक्षी दलों के नेता हैं। यह प्रतिनिधिमंडल राजनीति से ऊपर उठकर एक राष्ट्रीय मिशन पर निकले हैं। इन्हें अनुभवी पूर्व राजनयिकों का मार्गदर्शन मिल रहा है, जिससे भारत का पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और भी प्रभावी तरीके से रखा जा सके।
ग्रुप- 1,
सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया
लीडरशिप- बैजयंत जय पांडा
इस दल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, भाजपा सांसद फंगनन कोन्याक, भाजपा सांसद रेखा शर्मा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, भाजपा सांसद सतनाम सिंह संधू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और पूर्व भारतीय राजनयिक हर्ष श्रृंगला शामिल हैं।
ग्रुप-2
यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय संघ
लीडरशिप- रवि शंकर प्रसाद
एम.जे. अकबर और पंकज सरन के साथ ये समूह यह दिखाएगा कि आतंक सिर्फ़ भारत की नहीं, पूरे विश्व की समस्या है। इस ग्रुप में दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खताना, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम. जे. अकबर, पंकज सरन शामिल हैं।
ग्रुप-3
इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर
लीडरशिप- संजय कुमार झा
इस दल में संजय कुमार झा (सांसद, जदयू), अपराजिता सारंगी (सांसद, भाजपा), अभिषेक बनर्जी (सांसद, तृणमूल कांग्रेस), बृजलाल (सांसद, भाजपा), जॉन ब्रिटास (सांसद, सीपीआईएम), प्रदन बरुआ (सांसद, भाजपा), हेमांग जोशी (सांसद, भाजपा), सलमान खुर्शीद (पूर्व विदेश मंत्री, कांग्रेस), मोहन कुमार (पूर्व राजदूत, फ्रांस) भारत का संदेश दे रहे हैं।
ग्रुप-4
यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन
लीडरशिप- श्रीकांत शिंदे
श्रीकांत एकनाथ शिंदे (सांसद, शिवसेना) की लीडरशिप में बंसुरी स्वराज (सांसद, भाजपा), ई.टी. मोहम्मद बशीर (सांसद, आईयूएमएल), अतुल गर्ग (सांसद, भाजपा), सस्मित पात्र (सांसद, बीजेडी), मनन कुमार मिश्रा (सांसद, भाजपा), एस.एस. आहलूवालिया (पूर्व लोकसभा सांसद, भाजपा), सुजन चिनॉय (पूर्व राजदूत, जापान व मेक्सिको) आतंकवाद के चेहरे को उजागर कर रहे हैं।
ग्रुप-5
अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राज़ील, कोलंबिया
लीडरशिप- शशि थरूर
इस ग्रुप को लीड कर रहे हैं शशि थरूर और उनका साथ दे रहे हैं शांभवी चौधरी (सांसद, लोक जनशक्ति पार्टी – रामविलास), सरफराज अहमद (सांसद, झामुमो), जी.एम. हरीश बालायोगी (सांसद, तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (सांसद, भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (सांसद, भाजपा), मिलिंद मुरली देवड़ा (सांसद, शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (सांसद, भाजपा), तरनजीत सिंह संधू (पूर्व राजदूत, अमेरिका)।
ग्रुप-6
स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस
लीडरशिप– कनिमोझी करुणानिधि
कनिमोझी करुणानिधि के साथ इस ग्रुप में राजीव राय (सांसद, समाजवादी पार्टी), मियां अल्ताफ अहमद (सांसद, नेशनल कॉन्फ्रेंस), बृजेश चौटा (सांसद, भाजपा), प्रेम चंद गुप्ता (सांसद, राजद), अशोक कुमार मित्तल (सांसद, आम आदमी पार्टी), मंजीव एस. पुरी (पूर्व राजदूत, यूरोपीय संघ), जावेद अशरफ़ (पूर्व राजदूत, फ्रांस) हैं। जो आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया में भारत का इरादा बता रहे हैं।
ग्रुप- 7
मिस्र, क़तर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका
लीडरशिप- सुप्रिया सुले
इस ग्रुप में राजीव प्रताप रूड़ी (सांसद, भाजपा), विक्रमजीत सिंह साहनी (सांसद, आम आदमी पार्टी), मनीष तिवारी (सांसद, कांग्रेस), अनुराग सिंह ठाकुर (सांसद, भाजपा), लवु श्री कृष्ण देवరायालु (सांसद, तेलुगु देशम पार्टी), आनंद शर्मा (पूर्व उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री, कांग्रेस), वी. मुरलीधरन (पूर्व विदेश राज्य मंत्री, भाजपा), सैयद अकबरुद्दीन (पूर्व संयुक्त राष्ट्र जिनेवा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता) शामिल हैं।
आतंकवाद के खिलाफ़ भारत का रुख
अब भारत सिर्फ़ जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहा, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी आतंकवादी गतिविधियों का पर्दाफाश कर रहा है। पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियां, आतंकी समूहों को संरक्षण और सीमा पार हमलों की साजिशें – अब भारत इन्हें विश्व समुदाय के सामने तथ्यों के साथ पेश कर रहा है।
हर मंच पर भारत का संदेश
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ़ एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, यह एक संदेश था – “अब बहुत हुआ!” अब भारत शब्दों और हथियारों दोनों से जवाब दे रहा है। सातों प्रतिनिधिमंडल दुनिया को दिखा रहे हैं कि भारत न केवल शांति चाहता है, बल्कि शांति के दुश्मनों को पहचानने और रोकने के लिए तैयार भी है।