One Nation, One election: वन नेशन वन इलेक्शन बिल जिसकी चर्चा काफी दिनों से देश में हो रही थी। आखिरकार 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश कर दिया गया। इस विधेयक के पक्ष में कुल 269 वोट आए वहीं ज्यादा सांसदों ने अपना मत दिया जबकी विपक्ष में लगभग 198 सांसदों ने वोट किए। अब इस बिल को JPC यानी संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाएगा।
क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन ?
लोकसभा में पेश हुआ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल काफी अहम माना जा रहा है कारण है इसका चुनावों पर होने वाला प्रभाव बहुत अहम है। किसी भी लोकतंत्र के लिए वहां होने वाले चुनाव सबसे अहम होते हैं। इस बिल के पारित हो जाने के बाद पूरे देश में होने वाले चुनाव एक सात होंगे। मतलब है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव होंगे। यानी की देश में होने वाले लोकसभा, विधानसभा चुनाव, नगरपालिका चुनाव जैसे सभी चुनावों एक ही साथ या एक फिक्स समय अंतराल में कराए जाएंगे।
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता मे बनी थी कमेटी
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर एक रिपोर्ट बनाने के लिए 2 सितंबर 2023 को एक कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 14 मार्च 2024 को सौंप दी थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि एक साथ चुनाव कराने से चुनावी प्रक्रिया में बदलाव आ सकते हैं। साथ ही शासन –प्रशासन के काम में बार-बार होने वाली रुकावट भी कम होंगे।