Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान अब अपने अंतिम चरण की तरफ है। ऐसे में क्या एडीआर (ADR) यानी कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। जिमसें ये बताया गया है कि आप जिन उम्मीदवारों को वोट दे रहे हैं वो कितने पढ़े-लिखे हैं।
क्या कहती है ये रिपोर्ट?
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव चुनाव 2024 में चुनाव लड़ रहे 647 उम्मीदवारों ने ये बताया है कि वे 8वीं कक्षा पास हैं। वहीं 1,303 उम्मीदवार 12वीं पास हैं। साथ ही 1502 उम्मीदवारों ने ग्रेजुएशन पूरी की है। 198 उम्मीदवारों ने डॉक्टरेट किया है। बता दें कि एडीआर के द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ रहे 8,360 उम्मीदवारों में से 8,337 की शैक्षणिक योग्यता का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार किया गया है।
रिपोर्ट पर एक नजर
अगर आप रिपोर्ट को ठीक से देखेंगे तो तीसरे चरण में, 639 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच कही है। वहीं 591 उम्मीदवारों ने खुद को ग्रैजुएट या फिर हायर सेकेंडरी बताया है। इसके साथ ही 56 ऐसे भी कैंडिडेट हैं जो सिर्फ साक्षर हैं और 19 लोग निरक्षर यानी कि कभी स्कूल ही नहीं गए हैं।
क्या कहता है भारत का कानून?
भारत में किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणकि योग्यता निर्धारित नहीं की गई है। इस पर समय-समय पर कई बार बहस भी उठी है। 1928 में साइमन कमीशन को मेमोरेंडम देते हुए डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने ये बात कही थी-
“जो लोग साक्षरता को मताधिकार के लिए परीक्षण के रूप में देखते हैं और इसे एक शर्त के रूप में लागू करने पर ज़ोर देते हैं, मेरी राय में वे 2 गलतियाँ करते हैं। पहली गलती, उनका यह विश्वास होता है कि एक अनपढ़ व्यक्ति आवश्यक रूप से मूर्ख ही होगा। दूसरी गलती यह मानना कि साक्षरता किसी व्यक्ति को आवश्यक रूप से निरक्षर व्यक्ति की तुलना में ज्यादा बेहतर, बुद्धिमान या ज्ञानी बनाती है।”
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Positive सार
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के लिए एडीआर ने सिर्फ आंकड़ें प्रस्तुत किए हैं। कई बार लोग ये मानते हैं कि हमारा नेता एक पढ़ा-लिखा डिग्री वाला व्यक्ति हो लेकिन पूर्व में कुछ ऐसे भी लीडर हुए जो इन तर्कों को पूरी तरह से खारिज करते हैं यानी कि वे कम पढ़े-लिखे थे लेकिन बेहतर नेता साबित हुए।