Jagdeep Dhankhar: कैसे चुना जाता है भारत का उपराष्ट्रपति?

Jagdeep Dhankhar Resignation: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेजा और अब ये सवाल उठने लगे हैं कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और उसे कैसे चुना जाएगा? आइए इस लेख में जानते हैं इस चुनाव की पूरी प्रक्रिया, संबंधित संवैधानिक प्रावधान और अस्थायी जिम्मेदारी की बातें।

क्यों दिया जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा?

धनखड़ जी ने स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने लिखा कि वो संविधान के अनुच्छेद 67(A) के तहत तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। ध्यान देने वाली बात है कि अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बने धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन हालिया एंजियोप्लास्टी और स्वास्थ्य स्थितियों के कारण उन्होंने पद छोड़ने का फैसला लिया।

कब होगा नए उपराष्ट्रपति का चुनाव?

भारत के संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, यदि उपराष्ट्रपति का पद मृत्यु, इस्तीफा या हटाए जाने के कारण खाली होता है तो जितनी जल्दी हो सके उस पद को भरना जरूरी होता है। संभावना जताई जा रही है कि यह चुनाव संसद के मॉनसून सत्र में ही कराया जा सकता है ताकि जल्द से जल्द नया उपराष्ट्रपति अपना कार्यभार संभाल सके।

कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

  • संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है,
  • चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्यों द्वारा किया जाता है।
  • चुनाव प्रणाली होती है प्रोपोर्शनल रिप्रजेंटेशन यानी आनुपातिक प्रतिनिधित्व।
  • वोटिंग होती है Single Transferable Vote प्रणाली से, जहां सांसद अपनी पसंद की वरीयता दर्ज करते हैं (1st preference, 2nd preference…)
  • इस चुनाव में आम जनता नहीं बल्कि केवल सांसद वोट डालते हैं।

कौन बन सकता है उपराष्ट्रपति?

  • उपराष्ट्रपति बनने के लिए कुछ बेसिक योग्यता शर्तें होती हैं,
  • उम्मीदवार भारत का नागरिक हो।
  • उसकी उम्र कम से कम 35 साल हो।
  • वह राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य हो।
  • वह भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी लाभ के पद पर न हो (Profit of Office).
  • वह चुनाव आयोग के सामने नामांकन दाखिल कर सके।

चुनाव तक कौन निभाएगा जिम्मेदारी?

भारत के संविधान में इस बारे में कोई सीधा उल्लेख नहीं है कि इस्तीफे के बाद कौन उपराष्ट्रपति का काम देखेगा। लेकिन ये एक अस्थायी व्यवस्था होती है, राज्यसभा में उपसभापति (Deputy Chairman) को सभापति की जिम्मेदारी दी जाती है। अगर वह भी अनुपस्थित हैं, तो राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत कोई अन्य सदस्य यह कार्य कर सकता है।

National Teachers Award: के. शारदा को राष्ट्रपति पुरस्कार, ये है उपलब्धि!

क्यों अहम है यह चुनाव?

भारत के उपराष्ट्रपति का पद केवल राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी ही नहीं बल्कि राज्यसभा के सभापति के रूप में भी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में नए उपराष्ट्रपति का चुनाव न सिर्फ संवैधानिक प्रक्रिया है, बल्कि यह देश की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी बेहद जरूरी है।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *