E-voting in Bihar: बिहार ने इतिहास रच दिया है। अब वोट डालने के लिए लाइन में खड़ा होने की जरूरत नहीं। आप अपने घर से, अपने मोबाइल से भी मतदान कर सकते हैं। नगरपालिका चुनाव 2025 में बिहार ने पहली बार मोबाइल ऐप के ज़रिए ई-वोटिंग की शुरुआत की है। यह कदम न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दिशा में एक बड़ी छलांग है, बल्कि लोकतंत्र को और ज्यादा सुलभ और स्मार्ट बनाने की कोशिश भी है।
कैसे हो रही है ई-वोटिंग?
शनिवार सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान में दो विकल्प दिए गए,
- EVM के ज़रिए बूथ पर जाकर वोट डालना
- मोबाइल ऐप के ज़रिए घर बैठे ई-वोटिंग करना
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से विकसित मोबाइल ऐप के जरिए लोग घर बैठे अपनी पसंद का प्रत्याशी चुन पा रहे हैं। इस बार कुल 489 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया जा रहा है, जबकि ई-वोटिंग का भी विकल्प हजारों मतदाताओं के लिए उपलब्ध कराया गया है।
50 हजार से ज़्यादा मतदाता हुए डिजिटल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 50,000 मतदाताओं ने ऑनलाइन वोटिंग में हिस्सा लेने की इच्छा जताई है। ये वो लोग हैं जो तकनीक को अपनाने को तैयार हैं और लोकतंत्र में भागीदारी को स्मार्ट बना रहे हैं।
एक क्लिक पर किस्मत का फैसला
इस बार चुनाव में 538 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनका फैसला एक क्लिक से होने जा रहा है। नगरपालिका आम चुनाव और उपचुनाव मिलाकर कुल 3,79,674 मतदाता वोट डालने वाले हैं।
अगर ई-वोटिंग में कोई दिक्कत आए तो?
ई-वोटिंग को लेकर सरकार ने पूरी तैयारी की है। हर वार्ड में आईटी टीम बनाई गई है ताकि किसी भी तकनीकी परेशानी को तुरंत हल किया जा सके। साथ ही, ये भी सलाह दी गई है कि मोबाइल फोन का नेटवर्क एक्टिव और स्टेबल होना चाहिए।
सिक्योरिटी और लाइव मॉनिटरिंग
इस पूरे इलेक्शन को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए पुलिस तैनात है और हर बूथ पर लाइव वेबकास्टिंग की जा रही है। इससे हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है ताकि गड़बड़ियों की कोई गुंजाइश न रहे।
ई-वोटिंग से क्या बदलेगा?
- अब लोगों को दूर-दराज़ से आने की जरूरत नहीं।
- वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं को राहत मिलेगी।
- मतदान प्रतिशत बढ़ेगा क्योंकि अब वोट डालना ज्यादा आसान हो गया है।
- तकनीक के ज़रिए लोकतंत्र और भी मजबूत होगा।
डिजिटल इंडिया के रास्ते पर बिहार
ई-वोटिंग की यह शुरुआत सिर्फ चुनाव का तरीका नहीं बदल रही, बल्कि यह डिजिटल इंडिया के उस सपने को भी साकार कर रही है जहां हर नागरिक की भागीदारी तकनीक के साथ और भी मजबूत होगी।
Positive सार
बिहार में ई-वोटिंग की शुरुआत न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। अगर ये प्रयोग सफल रहा, तो भविष्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी ई-वोटिंग का रास्ता खुल सकता है।