CP Radhakrishnan: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह ऐलान बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने किया। यह फैसला मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद लिया गया। धनखड़ ने अगस्त 2022 में पद संभाला था, लेकिन जुलाई 2024 में उन्हें कार्यकाल बीच में ही छोड़ना पड़ा।
अब सवाल है कि आखिर कौन हैं सी. पी. राधाकृष्णन, जिन्हें NDA ने इतने अहम पद के लिए चुना है? आइए जानते हैं उनके राजनीतिक और प्रशासनिक सफर की 5 अहम बातें।
1. RSS स्वयंसेवक से शुरू हुआ सफर
सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस स्वयंसेवक के रूप में की और 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने।
2. कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे
राधाकृष्णन 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। संसद में उन्होंने कपड़ा, सार्वजनिक उपक्रम और वित्त संबंधी समितियों में सक्रिय भूमिका निभाई। 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे और ताइवान जाने वाले पहले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल हुए।
3. तमिलनाडु बीजेपी को दी नई पहचान
2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर की 93 दिन की ‘रथ यात्रा’ निकाली, जिसने राज्य में बीजेपी की पकड़ मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
4. प्रशासनिक पदों पर प्रभावी काम
2016 से 2020 तक वे कोयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल में कोयर निर्यात ने 2,532 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड तोड़ा।
इसके अलावा 2020 से 2022 तक वे केरल बीजेपी के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने चार महीनों में सभी 24 जिलों का दौरा किया। इसके बाद जुलाई 2024 में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने और इसके साथ ही उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुदुचेरी के उपराज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभाली।
5. अनुभवी और संगठन में गहरी पकड़
सी. पी. राधाकृष्णन के पास 40 साल से ज्यादा का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव है। उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी का मजबूत चेहरा और संगठनात्मक तौर पर बेहद सशक्त नेता माना जाता है। यही कारण है कि NDA ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना है।