Code of Conduct: क्या होती है आदर्श आचार संहिता? जानें नियम कानून!

Code of Conduct: चुनावों के दौरान सबसे ताकतवर अधिकारी कौन? छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। लेकिन यह क्या होती है, कैसे लागू की जाती है, और इसके दौरान कौन होता है सबसे ताकतवर अधिकारी? विस्तार से समझते हैं।

आदर्श आचार संहिता क्या है?

आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) चुनाव आयोग द्वारा लागू किया गया नियमों का एक समूह है, जिसे राजनीतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना होता है।

जरूरी बातें

  • यह नियम सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकारी अधिकारियों पर लागू होते हैं।
  • चुनाव की घोषणा होते ही यह लागू हो जाती है और मतगणना के बाद समाप्त होती है।
  • इसका पालन सुनिश्चित करना जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) और एसडीएम की जिम्मेदारी होती है।

राज्य चुनाव आयोग की भूमिका

जैसे संसदीय और विधानसभा चुनावों के लिए Election Commission of India होता है, वैसे ही राज्य स्तर के चुनावों को संपन्न कराने के लिए प्रत्येक राज्य में State Election Commission स्थापित किया गया है।

चुनाव आयोग की मुख्य भूमिकाएँ

चुनाव की प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संचालित करना।

चुनावी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखना।

उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए गाइडलाइंस जारी करना।

कौन होता है सबसे पावरफुल अधिकारी?

चुनावों के दौरान प्रशासनिक अधिकारी ही सबसे ज्यादा शक्तिशाली होते हैं। जिले में डीएम (DM) या कलेक्टर और पंचायत चुनावों में एसडीएम (SDM) की शक्ति बढ़ जाती है।

डीएम (कलेक्टर) की शक्तियाँ

  • जिले का जिला निर्वाचन अधिकारी बन जाता है।
  • किसी भी चुनावी गतिविधि को नियंत्रित करने का अधिकार होता है।
  • चुनावी खर्च की निगरानी और प्रचार पर नजर रखने की जिम्मेदारी।
  • जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती।
  • नियमों के उल्लंघन पर त्वरित कार्रवाई करने का अधिकार।

एसडीएम की शक्तियाँ

  • पंचायत चुनावों की पूरी प्रक्रिया की देखरेख करता है।
  • गाँवों में आदर्श आचार संहिता के नियमों का कड़ाई से पालन कराता है।
  • विवाद या हिंसा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करता है।

संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया के दौरान इन अधिकारियों को विशेष शक्तियाँ प्राप्त होती हैं, जिससे वे निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकें।

आचार संहिता लागू होने पर क्या बदलता है?

  • सरकारी गतिविधियों पर प्रतिबंध
  • सरकार नई योजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती।
  • किसी सरकारी कर्मचारी का तबादला या नियुक्ति नहीं हो सकती।
  • चुनावी गतिविधियों पर नियंत्रण
  • किसी भी रैली या प्रचार के लिए कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य होती है।
  • आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाती है।

जनता की जिम्मेदारी

  • आम नागरिकों को भी चुनावी नियमों का पालन करना होता है
  • यदि कोई उम्मीदवार नियमों का उल्लंघन करता है, तो इसकी सूचना चुनाव आयोग को दी जा सकती है।

Positive सार

आदर्श आचार संहिता चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए एक अहम व्यवस्था है। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जो पूरे चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण और पारदर्शी बनाए रखने का कार्य करते हैं। डीएम और एसडीएम की शक्ति इस अवधि में बढ़ जाती है, जिससे वे किसी भी गड़बड़ी को रोकने में सक्षम होते हैं।

चुनावों के दौरान जनता का भी यह दायित्व बनता है कि वे नियमों का पालन करें और निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया को सफल बनाने में सहयोग दें।

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