Bastar Development Authority: बस्तर विकास पुनर्गठन के बाद सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में पहली बैठक हुई। इस बैठक में बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने और टूरिज्म कॉरिडोर बनाने का फैसला हुआ। बैठक चित्रकूट वॉटर फॉल के पास आयोजित की गई थी।
बस्तर हाट की थीम पर लगे थे स्टॉल
बैठक की तैयारी त्योहारों की तरह की गई थी। बैठक वाली जगह पर बस्तर हाट की थीम पर 7 जिलों के सात स्टॉल लगाए गए थे। स्टॉल में बस्तर कॉफी, कोंडागांव की शिल्पकला का प्रदर्शन किया गया था। वहीं दंतेवाड़ा के स्टॉल में शिक्षा और बाल विकास में नवाचार को दिखाया गया था। कांकेर जिले के स्टॉल में लघु वनोपज से जुड़ी आजीविका को दिखाया गया था। नारायणपुर जिले से महिला सशक्तिकरण का स्टॉल लगाया गया। वहीं सुकमा जिले से यातायात और आवासीय योजनाओं और बीजापुर से नियदन नेल्लानार योजना का स्टॉल लगाया गया था।
बस्तर के पर्यटन का होगा विकास
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की इस बैठक में बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके लिए बस्तर टूरिज्म कॉरिडोर बनाने पर भी विचार-विमर्श हुआ। बस्तर के उन जगहों को चिन्हित किया गया है जिनका पर्यटन स्थल के रूप में विस्तार किया जाना है। इतना ही नहीं बस्तर में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने को लेकर भी चर्चा हुई। इस हॉस्पिटल का निर्माण एनएमडीसी के द्वारा किया जाएगा।
सीएम विष्णुदेव साय ने इस मौके पर 2 एप भी लॉन्च किए। साथ ही सोलर पॉवर से चलने वाले पॉवर बैंक का भी इनॉग्रेशन किया। सीएम के द्वारा लॉन्च किए गए एप में सौर समाधान और मनो बस्तर एप शामिल हैं।
बस्तर, सरगुजा पर फोकस्ड है सरकार
सीएम विष्णुदेव साय ने बैठक में कहा कि- “हमारी सरकार बस्तर और सरगुजा के विकास पर खास ध्यान दे रही है। इन इलाकों के विकास में आदिवासी विकास प्राधिकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं होगी। सीएसआर मद में भी काफी राशि उपलब्ध है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। केन्द्र और राज्य दोनों में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए संवेदनशील सरकारें हैं।”