Bastar Olympic: बस्तर ओलंपिक के ऐतिहासिक आयोजन का 15 दिसंबर को एक शानदार समारोह में समापन हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथी के रूप में शामिल हुए। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के सफल आयोजन के लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि – “आने वाले दिनों में बस्तर ओलंपिक बस्तर के विकास की यशोगाथा बनेगा, साथ ही शांति, सुरक्षा, विकास और नई उम्मीद की नींव डालने का काम करेगा।”
पूरी तरह से खत्म होंगे नक्सली
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ से नक्सल समस्या को खत्म करने पर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि, “नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह से खत्म करेंगे। बस्तर में नक्सलियों की समस्या खत्म होने के बाद यहां कश्मीर से ज्यादा पर्यटक आएंगे।
मुख्यमंत्री ने बस्तर वासियों को दी बधाई
सीएम विष्णुदेव साय ने ओलंपिक के आयोजन के लिए बस्तर वासियो को बधाई दी। उन्होंने कहा कि- “मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलंपिक के जरिए हम सभी बस्तर अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह, और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है, न कि माओवाद की हिंसा”।
“बस्तर ओलंपिक नक्सवलाद का समाधान”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि- “ इस आयोजन के जरिए से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की। नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल, रोजगार और सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आज आपके चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है”।
1.65 लाख खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इन खिलाड़ियों में सभी सात जिलों की सात टीमें शामिल थी। वहीं आठवीं टीम “नुआ बाट” की थी। नुआ बाट का मतलब “नई राह” होता है, स टीम में सरेंडर नक्सली शामिल थे। नुआ बाट टीम में 300 से ज्यादा सरेंडर नक्सली शामिल थे। इतना ही नहीं बस्तर ओलंपिक में 18 ऐसे दिव्यांग खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया जो नक्सल हिंसा में घायल हुए थे।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी नुआ बाट की तारीफ की और कहा कि- “आपको देखकर हर किसी का हौसला दोगुना हो गया है।आपकी हिम्मत की बदौलत हम ज्यादा ताकत के साथ बस्तर में शांति लाने का काम करेंगे”
5 नवंबर को हुई थी शुरुआत
बस्तर ओलंपिक की शुरुआत 5 नवंबर से हुई थी। टूर्नामेंट में विकासखंड स्तर, जिला स्तर और संभाग स्तर पर अलग-अलग खेलों का आयोजन किया गया था।बस्तर ओलंपिक में एथलेटिक्स, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, फुटबॉल, रस्साकसी, आर्चरी, कबड्डी, खो-खो, कराटे जैसे खेलों को शामिल किया गया था।
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Positive सार
बस्तर ओलंपिक में बस्तर के युवाओं, सरेंडर नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। बस्तर संभाग का यह अपने आप में बड़ा खेल आयोजन था। ओलंपिक ने बस्तर की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ने का सुनहरा मौका दिया। इस पहल ने सरेंडर नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने का मौका दिया। आगे भी ऐसे आयोजन नक्सलियों को सरेंडर करने और समाज से जुड़ने की प्रेरणा देते रहेंगे।