बस्तर के ऐतिहासिक गोंचा महापर्व का आमंत्रण मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को दिया गया। उन्हें सम्मान स्वरूप पारंपरिक ‘तुपकी’ भेंट की गई। यह पल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर और राज्य की परंपराओं को सलाम करने जैसा था।
छत्तीसगढ़ के सपनों के निर्माता
राजधानी रायपुर के एक कार्यक्रम में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में संगोष्ठी आयोजित हुई। जहां मुख्यमंत्री शामिल हुए। उन्होंने कहा – “छत्तीसगढ़ का नया राज्य बनना अटल जी की ही देन है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम अटल जी के सपनों के अनुसार राज्य के सर्वांगीण विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।
गांव और सड़कों से जुड़ी यादें
CM विष्णु देव साय ने बताया कि भारत एक गांवों का देश है और अटल जी ने ही गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाने का काम किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और स्वर्णिम चतुर्भुज योजना जैसी ऐतिहासिक पहलें उनके नेतृत्व में हुईं।
इसी तरह, टेलीकॉम सेक्टर में बड़े बदलाव लाने और अनुसूचित जनजाति मंत्रालय का गठन करने का श्रेय भी उन्हें जाता है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों के विकास की राह खुली।
10 साल की यात्रा
मुख्यमंत्री ने पायनियर समूह के 10 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि जिस साहस और निष्पक्षता से यह संस्थान काम कर रहा है, वह काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने बालाजी ग्रुप द्वारा महिलाओं की मुफ्त डिलीवरी और उपचार की सेवा की भी सराहना की।
अटल जी के साथ बिताए पल
CM ने भावुक होकर कहा कि 2004 तक उन्हें अटल जी के साथ सांसद के रूप में काम करने का मौका मिला। अटल जी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने और अपने वादे के मुताबिक 2000 में छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा दिया।
वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि कवि, लेखक और प्रेरक वक्ता भी थे, जिनके भाषण विपक्ष को भी प्रभावित करते थे।
रमन सिंह की यादें और सराहना
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी पायनियर समूह की उपलब्धियों को याद किया। उन्होंने बताया कि 2016 में पायनियर के रायपुर संस्करण का शुभारंभ अरुण जेटली की उपस्थिति में हुआ था। डॉ. सिंह ने अटल जी की ग्रामीण सड़क योजना, सर्व शिक्षा अभियान और परमाणु परीक्षण जैसे ऐतिहासिक फैसलों को याद करते हुए 45 साल पुराने कई संस्मरण भी साझा किए।
Positive सार
यह आयोजन सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि छत्तीसगढ़ के निर्माण, विकास और संस्कृति को सलाम करने का एक अवसर था। इसमें अटल जी की विरासत और वर्तमान नेतृत्व के विकास संकल्प दोनों की झलक दिखाई दी।

