Inspiration: वर्ष 2018 में विजय वर्धन आईएएस बनें, उनकी सफलता कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने अपनी जर्नी के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे, उन्होंने ये साबित किया कि किसी की सफलता उसकी असफलताओं से तय नहीं होती है। गलतियां करना सफलता के मंत्र का एक जरूरी हिस्सा है। लेकिन, ये भी भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि आप अपनी गलतियों को जस्टिफाई करे बिना आगे बढ़ें। बजाय इसके यह पता लगाने की कोशिश करें कि नतीजे अपेक्षा के अनुसार क्यों नहीं आ रहे हैं।
असफलता से लिखी सफलता की इबारत
विजय ने सरकारी नौकरियों के 35 परीक्षा दिए जिसमें वे असफल हुए। लेकिन, ये नाकामयाबियां उनका हौसला डिगा नहीं पाई। उन्होंने आईएएस की परीक्षा को पास करके ही दम लिया। उनकी कहानी लाखों लोगों को लिए एक प्रेरणा है।
नहीं छोड़ी उम्मीद
असफलताओं को स्वीकार करके उन्होंने आगे बढ़ना सीखा। वे कहते हैं कि अगर आप लगन और ईमानदारी से काम करेंगे तो जरूर आपको सफलता मिल ही जाएगी। जहां कुछ लोग एक या दो परीक्षाओं में असफल होने के बाद निराश होते जाते हैं। वहीं, हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले विजय वर्धन ने 35 सरकारी परीक्षाओं में असफल होने के बावजूद भी उम्मीद की डोर नहीं छोड़ी। लगातार प्रयासों के दम पर उन्होंने 2018 में यूपीएससी में 104वां स्थान हासिल किया।
गलतियों से ली सीख
विजय वर्धन बार-बार असफलता मिलने से निराश हुए बिना अपनी गलतियों से सीख लेते रहे। हर असफलता के बाद पूरी ईमानदारी से उसका मूल्यांकन करते और आगे बढ़ते। पहली सफलता उन्हें आईपीएस अधिकारी के रूप में मिली, लेकिन, इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने और प्रयास किया। अंत में उन्हें आईएएस अधिकारी बनने में सफलता मिली।
विजय वर्धन के बारे में
वर्धन की स्कूली पढ़ाई हरियाणा के सिरसा में पूरी हुई है। उनका जन्म भी यही हुआ। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने हिसार से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद विजय वर्धन यूपीएससी की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आ गए। तैयारी के दौरान उन्होंने हरियाणा पीसीएस, यूपीपीएससी, एसएससी और सीजीएल सहित कम से कम 35 परीक्षाओं के लिए परीक्षा दिए लेकिन किसी भी में उन्हें सफलता नहीं मिली। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और अपना संघर्ष जारी रखा। साल 2018 में वे आईएएस के लिए सलेक्ट हुए।