UPSC Success Story: बीटेक के बाद 16 नौकरियां ठुकराने वाली IPS तृप्ति की कहानी है दृढ़संकल्प की अनूठी मिसाल!

IPS Tripti Bhatt’s Success Story: अच्छी शिक्षा, अच्छा करियर अच्छी लाइफ हर किसी की चाहत होती है। लेकिन तब क्या जब ड्रीम जॉब के सामने सबकुछ फीका लगे। कहने का मतलब ये कि अच्छी नौकरी पाने या लाखों का पैकेज पाने के बाद ही व्यक्ति सफल ही कहलाता है, या फिर बड़ी सार्वजनिक या निजी कंपनी में बड़ा पैकेज पाना ही संतुष्टि की परिचायक हो सकता है। पर कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपने सपने को पूरा करने के लिए सबकुछ छोड़ देते हैं। उन्हें सफलता और खुशियों का मापदंड बड़ी कंपनी का बड़ा पैकेज या सरकारी नौकरी नहीं लगती है बल्कि वह है जिसे करने में आपको खुशी मिलती है। ये पंक्तियां एकदम फिट बैठती है उत्तराखंड के अल्मोड़ा की तृप्ति भट्ट पर।
 

तृप्ति भट्ट के बारे में…

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद तृप्ति भट्ट के सामने कई विकल्प मौजूद थे। उनका कईं सरकारी और गैर-सरकारी दिग्गज कंपनियों में बडे़ पैकेज पर सिलेक्शन भी हुआ। जिसे उन्होंने छोड़ दिया। एक तरफ उनके साथी ऐसे बेहतरीन ऑफर पाने के लिए कठिन मेहनत कर रहे थे, तो दूसरी तरफ तृप्ति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो तक के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया। तृप्ति ने इसरो सहित छह सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में भी सफलता हासिल की। कई प्रतिष्ठित निजी संस्थानों से भी कई ऑफर लेटर प्राप्त हुए लेकिन उसकी चाहत देश सेवा की थी।
 
तृप्ति का संबंध एक शिक्षक परिवरा से है। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी तृप्ति की शुरुआती स्कूली शिक्षा बेर्शेबा स्कूल से हुई। बाद में केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने कक्षा 12वीं पास की। हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की। पंतनगर विश्वविद्यालय से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक पास किया। इंजीनियरिंग के बाद मिले सभी नौकरी के प्रस्तावों को उन्होंने अस्वीकार कर दिया क्योंकि वह आईपीएस अधिकारी बनना चाहती थीं।
 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रेरणा

तृप्ति जब नौवीं क्लास में थी तब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात की थी। तब डॉ कलाम ने उन्हें एक हस्तलिखित पत्र दिया था। इस पत्र में कई प्रेरणास्पद बातें लिखी थीं। इनसे तृप्ति भट्ट काफी इंस्पायर हुईं।
 
इंजीनियरिंग के बाद तृप्ति भट्ट ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2013 में 165वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की। इस रैंक से उन्हें अपनी मंजिल मिल गई और तृप्ति आईपीएस बनीं। इतना ही नहीं आईपीएस तृप्ति भट्ट राष्ट्रीय स्तर की 16 और 14 किलोमीटर मैराथन और राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। तृप्ति इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण हैं कि अगर तटस्थ और दृढ़संकल्पित होकर सपनों के लिए मेहनत की 
जाए तो वो जरूर पूरे होते हैं।
 
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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