IAS Preeti Beniwal: कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हो तो कोई भी मुश्किल परेशानी सफलता पाने से नहीं रोक सकती है। ऐसी ही एक कहानी है आईएएस प्रीती बेनीवाल की जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों से न सिर्फ लड़ाई लड़ी बल्कि खुद को साबित भी किया। उन्होंने अपनी मेहनत से वो मुकाम हासिल किया जिसकी चाहत हर युवा करता है।
प्रीति बेनीवाल के बारे में…
हरियाणा के डुपेडी गांव से प्रीति का संबंध है। प्रतिभावान और पढ़ाई में काफी अच्छी प्रीति को एक भयानक हादसे का शिकार होना पड़ा। जिसके बाद उन्हें कई महीने बिस्तर पर रहना पड़ा यही नहीं उन्होंने 14 मुश्किल सर्जरी का भी सामना किया। इस हादसे से प्रीति की शादी भी टूट गई। प्रीति ने इन सब से हार नहीं मानी और कुछ कर गुजरने के अपने जज्बे को जिंदा रखा।
पढ़ाई में हमेशा से अव्वल
प्रीति की प्रारम्भिक शिक्षा घर के पास ही फाफदाना के एक निजी स्कूल से हुई। बाद में उन्होंने पानीपत से कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की और उत्कृष्ट ग्रेड हासिल किए। उन्होंने मतलौडा से अपनी कक्षा 12वीं पूरी की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद उन्होंने इसराना कॉलेज से बी.टेक और एम.टेक ऑनर्स की डिग्री हासिल की। उनके पिता सुरेश कुमार थर्मल प्लांट पानीपत में कार्यरत थे और मां बबिता इलाके की एक आंगनबाड़ी में नौकरी करती थीं। M.Tech के बाद प्रीति 2013 में ग्रामीण बैंक में क्लर्क का पद पर नौकरी करने लगीं। उन्होंने बहादुरगढ़ में साल 2013 से 2016 तक अपनी सेवाएं दी। साल 2016 में वह एफसीआई (FCI) में असिस्टेंट जनरल II के पद के लिए सलेक्ट हो गईं। यहां उन्होंने करनाल में कुछ समय तक पद संभाला। जनवरी 2021 में उन्हें विदेश मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद के लिए भी चुना लिया गया।
एक दुर्घटना ने बदल दिया सबकुछ
दिसंबर 2016 की बात है। जब एक दिन अचानक ही प्रीति भयानक ट्रेन दुर्घटना की शिकार हो गईं। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर अचानक पैर फिसलने से वह ट्रेन के सामने जा गिरीं और ट्रेन की तीन कारें उनके शरीर से होकर गुजर गई। इस दुर्घटना की वजह से उन्हें 14 सर्जरी के अलावा बाइपास की भी जरूरत पड़ी। इन सब के बावजूद वह चल नहीं पा रही थीं। उन्होंने पूरी तरह से बिस्तर पकड़ लिया।
प्रीति ने इन सब के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने फैसला किया कि वह यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए पढ़ेंगी। उन्होंने तैयारी शुरू कर दी, वे दो बार असफल हुईं लेकिन प्रयास जारी रखा और साल 2020 में उन्हें सफलता मिल ही गई और उन्होंने UPSC पास कर ऑल इंडिया 754वीं रैंक हासिल की। प्रीति उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जिन्हें मुश्किल हालात से उबरने में परेशानी होती है। वे इस बात की मिसाल हैं कि अगर चाह हो तो मुश्किल से मुश्किल रास्ते भी मंजिल का रास्ता नहीं रोक सकते हैं।