‘Mission Mahila Sarathi’: भारत में बस, रेल और हवाई यात्रा अब सुलभ हो रही है। कई सुविधाएं, अच्छी सड़क और सुरक्षा के मानकों पर सरकार ने काफी काम किया है। यही वजह है कि आज भारत की 70 फीसदी जनता लंबी और छोटी दूरी के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन पर निर्भर रहती है। हाल के दिनों में भारत के कई राज्यों में बस सेवा को आसान बनाने के लिए नए और रचनात्मक तरीके अपनाए गए, जैसे- पिंक बस, महिलाओं के लिए फ्री सेवा और अब उत्तरप्रदेश सरकार ‘मिशन महिला सारथी’ (‘Mission Mahila Sarathi’) स्कीम से महिलाओं को सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें सशक्त करने की दिशा में भी काम कर रही है।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति अभियान के तहत 22 अक्टूबर को अयोध्या के सरयू अतिथि गृह, रामकथा पार्क में ‘मिशन महिला सारथी’ की शुरूआत की। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर 51 साधारण बसों (बीएस 6) का शुभारंभ किया। इस बस की खास बात ये है कि इन बसों में ड्राइवर से लेकर सहायक का काम महिलाएं ही करेंगी।
महिला शक्ति का परिचायक ‘मिशन महिला सारथी’
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसकी शुरूआत शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को किया जो महिला शक्ति का भी प्रतीक साबित हुई। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि “महिलाएं हर काम कर सकती हैं। इसकी शुरूआत का इससे उपयुक्त अवसर नहीं हो सकता, जब महाअष्टमी की तिथि को मिशन शक्ति के साथ जोड़कर मिशन महिला सारथी को लांच करने के साथ-साथ उन महिला चालक व परिचालकों को इससे जोड़े जाने का काम किया जा रहा है।“ शुरूआत में 51 बसें प्रदेश के अलग-अलग जगहों के लिए चलाई जाएगी, इनमें चालक व परिचालक सभी महिलाएं होंगी।
महिलाएं हर क्षेत्र में अव्वल
मुख्यमंत्री के मुताबिक महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन हमेशा से एक बड़ी चुनौती का विषय रहा है। इसीलिए भारतीय समाज ने हमेशा इस बात का ख्याल रखा कि वे आगे बढ़ें और आगे बढ़ने के मौके खोजे। जहां नारी का सम्मान होगा, उनकी गरिमा की रक्षा होगी और वे आगे बढ़ेंगी। महिलाएं स्वावलंबी होंगी, वह समाज सशक्त व समाज आत्मनिर्भर बनेगा और सर्वांगीण विकास की बुलंदियों को छुएगा।