Mission Gaganyaan’: सरकारी स्कूल से भारत के स्पेश मिशन तक पहुंचने की एक साइंटिस्ट की कहानी!

Mission Gaganyaan’ आज हर भारतीय का सपना है। पूरी दुनिया भारत पर नजर लगाए बैठी है। विज्ञान से जुड़ा हर व्यक्ति का ये सपना है कि वो भारत के स्पेश मिशन का हिस्सा हो। ऐसे में अगर एक छोटे से गांव से निकलकर कोई व्यक्ति इस मिशन का हिस्सा बनता है तो वो उसके लिए कितनी गर्व की बात होगी। ये कहानी भी एक ऐसे ही विलक्षण प्रतिभा की है। जिनका नाम है योगेश रत्न…

बुंदेलखंड के जनपद बांदा के रहने वाले हैं वैज्ञानिक योगेश रत्न। इन्होंने इसरो में कई रॉकेट निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 21 अक्टूबर को जब रॉकेट परीक्षण यान डी 1 का सफल परीक्षण हुआ तो इस वैज्ञानिक के बारे में चर्चा होने लगी। बता दें कि योगेश रत्न ने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी की है। हर यूथ के लिए वे एक प्रेरणा हैं।

देश के गौरव हैं योगेश रत्न

ये कोई पहला मिशन नहीं है जिसमें उनका हुनर सामने आया है। इसके पहले भी योगेश रत्न ने कई रॉकेट निर्माण में कार्य किया है। वे केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम में स्थित इसरो के प्रमुख केंद्र विक्रम साराभाई अंतरीक्ष केंद्र के गुणवत्ता आश्वाशन विभाग में पिछले 14 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। साइंटिस्ट योगेश रत्न राकेट के ठोस प्रणोदक मोटर (solid propellant motor) को बनाने और परिक्षण की भूमिका निभा रहे हैं। आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरीक्ष केंद्र के लॉन्च पैड पर रॉकेट के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर उनके लॉन्चिंग के लिए तैयार करने में इनकी अहम भूमिका होती है।

आईआईटी से पूरी की पढ़ाई

योगेश रत्न का जन्म शिवरामपुर गांव में हुआ था। उनके पिता रामशंकर साहू चित्रकूट ब्लॉक में एडीओ पंचायत के पद पर थे। योगेश रत्न ने अपनी दसवी की पढ़ाई सेठ राधाक्रिश्न पोद्दार इंटर कॉलेज चित्रकूट से और 12वीं चित्रकूट इंटर कॉलेज पूरी की है। उन्होंने बुंदेलखंड इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी झांसी से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईआईटी खड़कपुर से एमटेक की पढ़ाई की है। उन्होंने कुछ महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जामनगर में काम करके साल 2008 में इसरो का रुख किया।

गगनयान की टीम का हिस्सा

इसरो में काम करने के दौरान अब तक योगेश रत्न ने 40 पीएसएलवी, 9 जीएसएलवी, 3 एलवीएम, 2 एसएसए वी और कई दूसरे रॉकेट निर्माण कार्य में शामिल रहे हैं। इनका इस्तेमाल चंद्रयान-2, मंगलयान वन-वेब सहित कई अन्य उपग्रहों को उनकी कक्षा तक पहुंचाने के लिए हुआ है।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Owner/Editor In Chief: Dr.Kirti Sisodia 

Office Address: D 133, near Ram Janki Temple, Sector 5, Jagriti Nagar, Devendra Nagar, Raipur, Chhattisgarh 492001

Mob. – 6232190022

Email – Hello@seepositive.in

FOLLOW US​

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.