पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर रहे जगदीश आनंद किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। उनकी सोच और लगन सभी पैरेंट्स के लिए एक मिसाल हैं। दरअसल तीन बेटियों के पिता आनंद चाहते थे कि उनकी बेटियां आईएएस ऑफिसर बनें, इसीलिए उन्होंने उन्हें ऑप्शनल सब्जेक्ट की पढ़ाई खुद करवाई।
ये कहानी है साल 2019 में हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी बनी केशनी आनंद, उनकी बहनों और पिता आनंद अरोड़ा की। दरअसल केशनी के पिता पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर थे और वे तीनों बेटियों की पढ़ाई का ध्यान खुद रखते थे। वे चाहते थे कि उनकी तीनों बेटियां आईएएस ऑफिसर बनें। तीनों ही बहनों मीनाक्षी, उर्वशी और केशनी तीनों ने पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की और सिविल सर्विसेज की परीक्षा में इसे ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में पढ़ा।
बिना कोचिंग की आईएएस की तैयारी
घर में हमेशा से ही पढ़ाई लिखाई का माहौल था इसलिए आनंद बहनों को कभी कोचिंग की जरूरत नहीं पड़ी। पिता के सपने को पूरा करने के लिए सभी ने जी तोड़ मेहनत की और वे आईएएस बन ही गईं। यही नही , तीनों बहनों ने पॉलिटिकल साइंस की पीजी की पढ़ाई कर टॉप किया।
सभी को मिला हरियाणा कैडर
आईएएस में तीनों बहनों को हरियाणा कैडर आवंटित हुआ। केशनी की सबसे बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी ने साल 1969 में परीक्षा पास की, वे हरियाणा की पहली महिला चीफ सेक्रेटरी बनी। बाद में उनकी बहन उर्वशी गुलाटी 1975 बैच की आईएएस अफसर भी हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी के पद पर पहुंच गईं। मीनाक्षी हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी के पद से साल 2005 में रिटायर हो गईं। साल 2012 तक उर्वशी ने हरियाणा सरकार की चीफ सेक्रेटरी का पद संभाला। साल 2019 में केशनी को हरियाणा सरकार की चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। इसके साथ ही उन्होंने एक रिकॉर्ड बना दिया। जिसके अनुसार परिवार की तीन बहनों ने हरियाणा सरकार के सर्वोच्च पद पर अपनी सेवाएं दी हैं।
केशनी अरोड़ा ने 15 महीने तक हरियाणा सरकार के चीफ सेक्रेटरी के पद संभाला। साल 1983 में केशनी ने यूपीएससी एग्जाम में पूरे भारत में दूसरा स्थान पाया था।
केशनी की दूसरी बहन उर्वशी गुलाटी ने रिटायरमेंट के बाद हरियाणा में चीफ इनफॉरमेशन कमिश्नर के पद पर भी अपनी सेवाएं दी है। इनके पिता जगदीश आनंद पंजाब यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर के पद पर थे।