मुश्किल रास्ते हर किसी की जिंदगी में होते हैं, लेकिन कुछ लोग हार नहीं मानते हैं। ऐसे ही लोगों में से एक हैं संतोष कुमार पटेल, जिन्होंने संघर्ष और गरीबी को अपने सपनों के रास्ते नही आने दिया और मेहनत से एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो शायद हर युवा का सपना होता है।
ये है पूरी कहानी
संतोष बेहद गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता राजमिस्त्री और मां खेतिहर मजदूर हैं। उन्होंने खेतों में काम कर बेटे को पढ़ाया और बेटे ने भी हर मुश्किल को पार कर MPPSC परीक्षा पास की। इस परीक्षा को पास करने के बाद संतोष DSP बन गए और उन्होंने परिवार का मान बढ़ाया। उन्होंने बचपन में कई चुनौतियों का सामना किया।
संतोष के पास उनका अपना घर नहीं था। उनके परिवार में 4 और लोग थे जो मिट्टी के एक कमरे में रहते थे। मॉनसून के दौरान जब बारिश होती थी तो छत से पानी टपकता था और किताबें भीग जाती थीं। ऐसे में संतोष ने बड़ी मुश्किल से अपनी पढ़ाई पूरी की।
मजदूरी करते हुए पूरी की पढ़ाई
संतोष के घर के हालात काफी खराब थे कि बड़ी मुश्किल से उनके परिवार को राशन मिल पाता था। जब हालात ज्यादा खराब हुए तो उन्होंने माता पिता के साथ ईंट उठाने का भी काम किया। पढ़ाई पूरी करने के दौरान संतोष अपने घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी भी करनी पड़ी।
संतोष ने एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और 10वीं कक्षा में 92 प्रतिशत अंक हासिल कर जिले में टॉप किया। बाद में, संतोष एक सरकारी कॉलेज में इंजीनियरिंग करने के लिए भोपाल गए। वहां भी उन्होंने काफी संघर्ष किया। कभी किताबों के लिए तो कभी स्टडी मटेरियल के लिए।
आर्थिक सहायता के लिए उन्होंने कमीशन-आधारित नौकरी भी की। किसी तरह इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वो घर लौट आए।
ऐसे मिली प्रेरणा
संतोष जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते थे। उन्होंने सोचा की अगर वो कुछ बड़ा करते हैं तो गांव के और भी गरीब लोगों के लिए बहुत कुछ अच्छा कर सकते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की तैयारी शुरू की।
उन्होंने अपने मुकाम को हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। दोस्तों से महंगी किताबें उधार लेकर नोट्स बनाते नोट्स बनाने के लिए पूरी रात मेहनत करते और पढ़ते थे। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और 15 महीने की तैयारी के बाद संतोष ने जुलाई 2017 में MPPSC परीक्षा पास की और स्टेट लेवल पर 22वीं रैंक भी हासिल की। आज उनसे कई युवा प्रेरणा ले रहे हैं। seepositive उनके जज्बे को सलाम करता है।