IAS Success Story: 12th Fail फिल्म तो आपने देखी ही होगी। वो कहानी थी एक ऐसे IPS ऑफिसर की जो 12वीं में फेल हो गए थे। लेकिन हम जो कहानी आपके बताने जा रहे हैं वो एक 12वीं फेल IAS की है। जिन्होंने असफल होने के बावजूद मेहनत का हाथ नहीं छोड़ा और पहली ही बार में आईएएस क्लीयर कर ऑफिसर बन गईं…
IAS अंजू शर्मा की कहानी
आईएएस अंजू शर्मा (IAS Success Story) ने अपनी असफलताओं से सीख ली और आगे बढ़ गईं। वो इस बात की मिसाल है कि जो हुआ उसे ठीक करना हमारा ही काम है। दरअसल अंजू 12वीं में अर्थशास्त्र सबजेक्ट में फेल हो गई थीं। जबकि बाकी विषयों में उन्हें काफी अच्छे नंबर मिले थे। उन्होंने अपनी असफलता से सीख ली और ज्यादा मेहनत की। अपनी कमियों को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ाया और हार नहीं मानी।
फेल होने के बाद पढ़ाई को गंभीरता से लिया
IAS अंजू शर्मा ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि उन्होंने फेल होने के बाद पढ़ाई को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने घबराने और परेशान होने की जगह अपनी तैयारी पर फोकस किया। अंजू ने ये भी बताया कि लोग इस बात पर जोर देते थे कि कक्षा 10वीं और 12वीं की परफॉर्मेंस कितना जरूरी है। इससे भी डर का माहौल तैयार होता है।
परिवार ने दिया साथ
इस तरह असफलता मिलने के बाद वो थोड़ा परेशान हुईं। लेकिन उनकी मां ने इस दौरान उनका बहुत साथ दिया। अंजू (IAS Success Story) को भी समझ में आ गया था कि उनकी पढ़ाई की स्ट्रैटेजी गलत थी जिसकी वजह से उन्हें फेल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्होंने स्कूल की गलती को नहीं दोहराया और कॉलेज में उन्होंने शुरुआत से ही पढ़ाई पर फोकस किया। फिर उन्होंने मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कॉलेज ज्वाइन किया और यही नहीं कॉलेज में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। जयपुर से उन्होंने बीएससी और एमबीए की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
UPSC पास कर बनीं आईएएस
उन्होंने सिर्फ 22 साल की उम्र और अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर ली। (IAS Success Story) अंजू शर्मा गुजरात कैडर की आईएएस हैं, उनका कहना है कि UPSC की परीक्षा हो या बोर्ड की, सिर्फ एक परीक्षा ही तो है जिसे पार करना है। एक बार की असफलता से निराश होने के बजाय, उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने 1991 में राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के पद से अपने करियर की शुरुआत की।
Positive सार
जिंदगी में सफल होने के लिए हमें अपने रास्ते खुद बनाने पड़ते हैं। मंजिल तक पहुंचने के लिए सफलता भले ही मुश्किल से मिले लेकिन मिलती जरूर है। आईएएस अंजू शर्मा इस बात का उदाहरण है। उन्होंने ये साबित किया है कि मजबूत इच्छाशक्ति के साथ सबकुछ हासिल किया जा सकता है।