Atal Bihari Vajpayee: वो 6 बातें जो अटल बिहारी वाजपेयी की लीडरशिप को बनाती हैं खास!

Atal Bihari Vajpayee: अटल वो नेता थे जो इतिहास के पन्नों पर सदैव के लिए अटल हो गए। अटल ही वो नेता थे, जिनकी लीडरशिप में भारत में राष्ट्रवादी राजनीति (Nationalist politics) को बढ़ावा मिला। अटल (Atal Bihari Vajpayee) जी की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध जैसी स्थितियों से भारत की शक्ति का अहसास पूरी दुनिया को करवाया। उनकी कई क्वालिटी थी जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में (Atal Bihari Vajpayee) उन्हें एक शक्तिशाली नेता के तौर पर पहचान मिली। 

अटल बिहारी जी का जीवन (Atal Bihari Vajpayee)  

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म हुआ था। एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले अटल तीन बार भारत के प्रधानमंत्री (Indian Prime Minister) बनें। (Atal Bihari Vajpayee) वे एक सशक्त नेता के तौर पर तो जाने जाते हैं ही साथ ही उनकी पहचान एक बेहतरीन कवि के तौर पर भी है। (Atal Bihari Vajpayee) उनकी कविताएं मुश्किल समय में जीवन में उत्साह भरती हैं। (Atal Bihari Vajpayee) अटल का जीवन एक सीख है, वो पूरा जीवन अविवाहित रहे और अपना जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया।

बातें जो अटल बिहारी जी को बनाती हैं खास  

  • अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee)  ने लॉ की पढ़ाई अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज से पूरी की, उन्होंने एक ही कक्षा में लॉ की डिग्री हासिल की और इस दौरान दोनों एक ही साथ हॉस्टल में भी रहे। 
  • अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार ‘बाप जी’ कहते थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)  भारतीय राजनीति का ‘भीष्म पितामाह’ कहा था। अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने शादी नहीं की थी लेकिन उन्होंने एक लड़की को गोद लिया था जिसका नाम नमिता है।
  • अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने भारत के चारों कोनों को सड़क रास्ते से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना (golden quadrilateral project) को शुरू किया था। एक बात कही जाती है कि  उनके कार्यकाल में भारत में इतनी सड़कों का निर्माण हुआ जितनी शेरशाह सूरी के शासनकाल में हुआ था। उन्होंने 100 साल पुराने कावेरी जल विवाद को भी खत्म किया था।
  • अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) भारत के पहले ऐसे लीडर थे जिन्होंने 1977 में सयुंक्त राष्ट्र की सभा में हिंदी भाषण दिया था। उनसे पहले किसी ने भी हिंदी में भाषण नहीं दिया था। अटलजी ने ही सयुंक्त राष्ट्र में हिंदी भाषा को एक नई पहचान दिलवाई थी। 
  • अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वो नौ बार लोकसभा सदस्य बनें। इसके साथ ही वे लंबे समय तक सांसद रहे भी रहे और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी बनें।
  • अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने राजनीति में अपना महान करियर महात्मा रामचंद्र वीर की ‘अमर कीर्ति विजय पताका’ को समर्पित किया। उनका कहना था कि उनकी इस कविता ने उनकी जिंदगी बदल दी थी।
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Rishita Diwan

Content Writer

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