अयान शंकटा जो कि एक 12 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनोखी पहल की शुरूआत की है। उन्होंने पवई झील सफाई अभियान के दौरान कचरा डंप होने के कारण पवई झील की बिगड़ती स्थिति को देखा और झील को बचाने के प्रयास में अयान ने ‘पवई झील का संरक्षण और पुनर्वास’ परियोजना की शुरूआत की। उनके इस पहल के लिए उन्हें 2021 का इंटरनेशनल यंग इको-हीरो सम्मान मिला है।
अयान ने पर्यावरण क्षरण के मूल कारणों की खोज शुरू की और महाराष्ट्र स्टेट एंगलिंग एसोसिएशन, नौशाद अली सरोवर संवर्धनिनी (NASS), और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (IIT) जैसी एजेंसियों के साथ काम करना शुरू किया।
‘पवई झील का संरक्षण एवं पुनर्वास’ परियोजना
12 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता अयान शंकटा की पहल का ही नाम है ‘पवई झील का संरक्षण और पुनर्वास’ परियोजना। जो मुंबई में पवई झील के पास संचालित है। उन्होंने इस परियोजना को पवई झील को पुनर्जिवित करने के मिशन के रूप में लिया है। जो कचरा और सीवेज के लिए डंपिंग ग्राउंड बन गई है। इस परियोजना ‘पवई झील का संरक्षण और पुनर्वास’ का उद्देश्य झील को साफ करना, उसके पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना और प्रदूषण के बारे में लोगों में जागरूकता को बढ़ाना है। यह परियोजना मुंबई की घनी आबादी वाले शहर में पारिस्थितिक संतुलन को ठीक करने में मददगार है। लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भी यह सहायक होगा।
अंतर्राष्ट्रीय युवा इको-हीरो पुरस्कार क्या है?
2003 से एक्शन फॉर नेचर (AFN) एक यूएस-आधारित गैर-लाभकारी संस्था है, जो दुनिया की कठिन पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए कार्रवाई करने वाले युवाओं को सम्मानित कर रही है। AFN दुनिया भर में 8 से 16 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए रचनात्मक पर्यावरणीय परियोजनाओं और प्रकृति के लिए व्यक्तिगत कार्रवाई करने के लिए इंटरनेशनल यंग इको-हीरो पुरस्कार से सम्मानित करता है। इस सम्मान से अयान ने भारत का सर गर्व से ऊंचा किया है।