निष्ठा योगेश, हैदराबाद की एक उदार बिजनेसवुमन, ने बचपन से ही बिजनेस के गुर पेरेंट्स से सीखा। उनकी प्रेरणा और सीखने की भावना ने उन्हें बड़े होते हुए भी नए क्षेत्रों में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
इंटर्नशिप से शुरू हुआ सफर
12 साल की उम्र से ही उन्होंने इंटर्नशिप करना शुरू किया, जहां उन्होंने रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम किया। इस अनूठे अनुभव ने उनकी दृष्टि को बदला और उन्हें अच्छे संवाद कौशल और स्वावलंबी बनाया।
शिक्षा का सफर: सीए से लेकर एमबीए तक
उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का निर्णय लिया और 18 साल की उम्र में नौकरी शुरू की। बढ़ते कदमों के साथ, उन्होंने फैशन रिटेल कंपनी में जॉब करने का अवसर पाया। यही समय था जब उनकी आत्मा में उत्कृष्टता की भावना बढ़ी और वह बॉस्टन में एंटरप्रेन्योरशिप की पढ़ाई के लिए वापस लौटीं।
हुनर एप: महिलाओं की आत्मनिर्भरता की कीमत
भारत लौटकर उन्होंने ‘हुनर’ नामक एप्लिकेशन को शुरू किया, जिससे महिलाएं बिना घर से बाहर निकले भी बिजनेस सीख सकती हैं। इस एप्लिकेशन के माध्यम से उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कोर्सेज प्रदान कर, महिलाओं को नए कौशल सिखाने का मौका दिया।
महिलाओं को सही दिशा में मोड़ने की कहानी
इस एप्लिकेशन के माध्यम से महिलाएं वीडियो के जरिए कोर्सेज कर सकती हैं, जो उन्हें रोजगार के नए माध्यमों से जोड़ता हैं। निष्ठा ने इसे एक समृद्धि की दिशा में एक आंदोलन के रूप में देखा है, जिससे महिलाएं स्वतंत्रता और स्वाधीनता का अहसास कर सकती हैं।
उदाहरण: पूनम की कहानी
इस एप्लिकेशन की एक स्टूडेंट, पूनम देवी, ने अपने छोटे से गांव में एक फैशन बुटीक खोला है। उसने अपनी सफलता के साथ गांव की 15 महिलाओं को भी रोजगार प्रदान किया है। इस रूप में, हुनर एप ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भरता प्रदान की है, बल्कि उन्हें दूसरी महिलाओं को भी सहारा देने का मौका दिया है।
आखिरी विचार
निष्ठा योगेश की कहानी हमें यह सिखाती है कि सही मार्गदर्शन और अच्छे कौशलों के साथ, हर महिला सफलता की ऊँचाइयों को छू सकती है। हुनर एप ने एक नये भविष्य की दिशा में महिलाओं को मार्गदर्शन किया है और उन्हें स्वतंत्रता का अहसास कराया है। इस तरह के पहलुओं से भारत में समृद्धि और सामाजिक समानता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।