हममें से ज्यादातर लोगों ने आजकल महिलाओं को हर क्षेत्र में काम करते हुए देखा होगा फिर वो काम देश चलाने का हो या फिर किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करने की हो। महिलाएं किसी भी काम को सिचुएशन के हिसाब से अपने सशक्त होने का जरिया बना लेती हैं। आज की कहानी भी ऐसी ही एक बड़े शहर की छोटी सी कहानी है जो लगभग हर महिला से कनेक्ट करती है।
ऑटो वाली महिलाओं की कहानी
दिल्ली की सड़कों पर 40 वर्षीय सीता ऑटो दौड़ाते हुए नज़र आ जाएंगी। वे कालका जी मेट्रो स्टेशन के बाहर ऑटो चलाती हैं। यहां से जब भी गुजरेंगे सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ऑटो रिक्शा के लिए पूछती हुई सीता नजर आ जाएंगी। सिर्फ सीता ही नहीं यहां पर और भी महिलाएं ऑटो चलाकर पैसे कमा रही हैं। ये सभी महिलाएं इलेक्ट्रिक ऑटो चलती हैं। जो कमाई का जरिया हैं पर और पर्यावरण के भी अनुकूल हैं।
सीता की कहानी
इन्हीं महिलाओं में से एक गीता की कहानी भी खास है। दरअसल सीता की जिंदगी काफी उतार चढ़ाव आए। उन्होंने जीवन को ठीक-ठाक चलाने के लिए भी काफी संघर्ष किया। आज उनकी जिंदगी की पटरी पर गाड़ी ठीक-ठाक चल रह है और वो दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
सीता एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई। माता-पिता ने सिर्फ 13 साल की उम्र में शादी कर दी। बाद में सीता पति और बच्चों के साथ दिल्ली आ गईं। यहां उन्होंने घरों में खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई करके बच्चों को बड़ा किया। लेकिन अब सीता की कहानी अलग है। सीता ऑटो चलाकर ज्यादा पैसे कमाती हैं और अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दे रही हैं।