Vikram: ये है भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया चिप’!

Vikram: भारत ने तकनीकी क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाई है। 2 सितंबर 2025 को केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप ‘विक्रम’ सौंपी। यह एक 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे इसरो (ISRO) की सेमीकंडक्टर लैब में पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि आने वाले समय में भारत की बनी यह छोटी-सी चिप पूरी दुनिया में बड़ा बदलाव लाएगी।

क्या है ‘विक्रम’ चिप की खासियत?

‘विक्रम’ (Vikram) को खासतौर पर अंतरिक्ष अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। यह बेहद उच्च तापमान और अंतरिक्ष की विषम परिस्थितियों का सामना कर सकती है। इसमें पर्याप्त मेमोरी कैपेसिटी है। साथ ही यह रॉकेट लॉन्चिंग के लिए जरूरी जटिल निर्देशों को आसानी से निष्पादित कर सकती है। इसके संभावित उपयोग: रक्षा, विमानन, ऊर्जा और ऑटोमोबाइल क्षेत्र।

सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत की यात्रा

  1. 2021- ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ (ISM) की शुरुआत।
  2. 2023- पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्वीकृत।
  3. 2024- कई और परियोजनाओं को मंजूरी।
  4. 2025- पांच नई परियोजनाओं को मंजूरी और कुल 10 प्रोजेक्ट्स पर 18 अरब डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश।

हाल की उपलब्धियां

  • 28 अगस्त 2025, सीजी पावर कंपनी के पायलट प्लांट में काम शुरू।
  • टाटा और माइक्रोन पहले से ही टेस्ट चिप उत्पादन कर रहे हैं।
  • इस साल के अंत तक चिपों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद।

इतनी जरूरी क्यों हैं सेमीकंडक्टर चिपें?

  • ये चिपें आधुनिक तकनीक की रीढ़ हैं।
  • उपयोग, स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, रक्षा, संचार और अंतरिक्ष क्षेत्र।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें “डिजिटल युग का हीरा” बताया।

उन्होंने कहा “जिस तरह पहले तेल को काला सोना कहा जाता था, उसी तरह अब चिप डिजिटल हीरा है।”

वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी

  • वर्तमान में वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार 600 अरब डॉलर का है।
  • आने वाले वर्षों में यह 1000 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद।
  • पीएम मोदी का विश्वास, भारत इस बड़े बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करेगा।

भारत सरकार के प्रयास

  • PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना- 76 हजार करोड़ रुपये का निवेश।
  • डिजाइन आधारित प्रोत्साहन योजना- स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को बढ़ावा।
  • अब तक 23 चिप डिजाइन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी।
  • नोएडा और बेंगलुरु में आधुनिक चिप डिजाइन सेंटर तैयार हो रहे हैं।

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Positive सार

भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप ‘विक्रम’ न केवल अंतरिक्ष अभियानों को गति देगी, बल्कि यह भारत को डिजिटल सुपरपावर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है। आकार में छोटी लेकिन क्षमता में बड़ी यह चिप आने वाले समय में भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर दौड़ में अग्रणी बना सकती है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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