Pamban Bridge: भारत के सबसे लंबे केबल ब्रिज के बारे में तो सभी जान चुके हैं, लेकिन क्या भारत में बन रहे एक और खास ब्रिज (bridge) के बारे में जानते हैं आप? ये ब्रिज जून 2024 में बनकर देश को समर्पित हो जाएगा। इससे रामेश्वरम की यात्रा आसान होगी। इस ब्रिज से 1 घंटे का समय सिर्फ 20 मिनट में तय होगा। जानते हैं क्या पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) और क्या है इसकी खास बात….
पहले जानते हैं इतिहास
दरअसल पंबन पुल नया नहीं है। यह भारत के तमिलनाडु राज्य में पाम्बन द्वीप को मुख्यभूमि (mainland) में मंडपम से जोड़ने वाला एक रेल ब्रिज है। पंबन पुल का निर्माण साल 1911 से शुरू हुआ और 1914 में ये पूरा बनकर तैयार हो गया। जिसके बाद 24 फरवरी 1914 को इसका उद्घाटन हुआ था। तब यह भारत का एकमात्र समुद्री सेतु (India’s only sea bridge) था। आज इस पंबन ब्रिज को रेल विकास निगम लि. (RVNL) ने 535 करोड़ की लागत से रिकंस्ट्रक्ट किया है।
नए रिकंस्ट्रक्ट पुल में क्या खास बात है?
पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) जब पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो इसके जरिए यहां आने वाले लोगों को कई सारी नई सुविधा मिलेगी। दरअसल इस ब्रिज को आधुनिकतम तकनीक (latest technology) से तैयार किया गया है। इससे नावों और बड़े जहाज के आवाजाही में किसी भी तरीके की कोई परेशानी नहीं आएगी। इस ब्रिज के बनने के बाद मंडपम से रामेश्वरम के बीच की दूरी घटकर महज 20 मिनट ही हो जाएगी। पंबन ब्रिज जून 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा।
अभी कैसे होता है सफर?
पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) भारत के तमिलनाडु राज्य में पाम्बन द्वीप को मुख्यभूमि में मंडपम से जोड़ने का काम करता है। फिलहाल यहां से जो लोग भी रामेश्वरम जाते हैं, उन्हें रेलवे के माध्यम से रामेश्वरम (Rameshwaram) पहुंचने में काफी समय लग जाता है। मौजूदा समय में इस पुल पर जो पुराना पंबन पुल है 10 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से इसमें ट्रेन जा सकती है। लेकिन नए ब्रिज में इसकी गति तेज होगी।
नए पंबन पुल की खासियत
पंबन ब्रिज हाइटेक इंजीनियरिंग का एक उदाहरण है। इस पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन लगाए गए हैं। यह नया पुल पुराने से 3 मीटर ऊंचा बनाया जा रहा है। इसे कुछ इस तरह बनाया जा रहा है कि अगर पुल के नीचे से बड़े पोत भी आसानी से निकल सकेंगे। 2.2 कि.मी. लम्बाई वाला पंबन ब्रिज रामेश्वरम द्वीप और मुख्य भूमि को जोड़ेगा। ये किसी खाड़ी पर बना हुआ भारत का सबसे लम्बा ब्रिज है। इसी तरह द्वीप को जोड़ने वाला रेलवे कैंची पुल समुद्र के माध्यम से जहाजों को पार करने के लिए अपने अद्वितीय स्वरूप के लिए जाना जाता है।
खास होगा पंबन ब्रिज से सफर
पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) के बन जाने से 80 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से इस पर ट्रेन गुजरेगी। जिसका मतलब है कि रामेश्वरम का सफर पहले से ज्यादा आसान और कम समय लेने वाला होगा। इसके अलावा पुराने पुल से जब नावों की आवाजाही होती है तो उसको मैन्युअल खोलते हैं, जिसमें कम से कम 40 लोग एक साथ लगते हैं। लेकिन पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) में ऐसा नहीं होगा। नए पुल को हाइड्रॉलिकली ओपन करने की सुविधा होगी। जिससे ये सिर्फ 5 मिनट का समय लेगा।
Positive सार
किसी खाड़ी पर बने हुए भारत के सबसे लम्बे ब्रिज को नया रूप देना काफी आकर्षक है। ये जहां एक तरफ लोगों के सफर को आसान बनाएगा वहीं दूसरी तरफ भारतीय इतिहास को भी खुद में समेटकर रखेगा। इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार (marvel of engineering) कहेंगे तो गलत नहीं होगा।