Early warning system क्या है? कैसे करता है अर्ली वॉर्निंग सिस्टम काम?

Early warning system: कितना अच्छा होगा अगर हमें हमारे जीवन में आने वाली परेशानियों को लेकर पहले से ही कोई अलर्ट कर दें। हम उस परेशानी का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखेंगे और उससे बच पाएंगे या नुकसान को काफी कम कर पाएंगे।

ऐसा ही एक फॉर्मूला है ‘अर्ली वॉर्निंग सिस्टम’। यह एक ऐसा सिस्टम है जिससे किसी भी इलाके में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर पहले से ही अनुमान लगाया जा सकता है और इलाके को अलर्ट जारी किया जा सकता है। हाल ही में संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात का जिक्र किया कि, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम का इस्तेमाल कर वायनाड की स्थिति के लिए राज्य सरकार को पहले ही सूचना जारी की गई थी। जानते हैं क्या है ये अर्ली वॉर्निंग सिस्टम..

क्या है अर्ली वॉर्निंग सिस्टम?

अर्ली वॉर्निंग सिस्टम एक ऐसा तंत्र है जो देश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, तूफान, लैंड स्लाइड, बिजली यहां तक हीट वेव की जानकारी पहले से ही दे देता है। देश के कुछ विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग मिलकर अर्ली वॉर्निंग पर काम करते हैं। दिल्ली हेड ऑफिस में जैसे ही किसी आपदा का पूर्वानुमान लगाया जाता है वैसे ही उस इलाके से जुड़े अधिकारियों और आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट कर दिया जाता है।

कैसे काम करता है यह सिस्टम?

अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के जरिए आने वाली आपदा का पता लगाने के लिए मौसम से जुड़े रडार, सेंसर और दूसरे उपकरणों की मदद से आने वाली आपदा और उसके रूप का अंदाजा लगा लिया जाता है। इसके बाद भारत मौसम विज्ञान विभाग आपदा से जुड़ा अलर्ट जारी करता है। ये अलर्ट विभाग की बेवसाइट, सोशल मीडिया हैंडल्स और न्यूज चैनल्स में दी जाती है। इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि सूचना ऐसे शब्दों में हो कि लोगों में डर का माहौल ना बने। अलर्ट आते ही इलाके में पहले से ही राहत और बचाव के सभी संभव कदम उठा लिए जाते हैं।

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दुनिया के सिर्फ चार देशों में ही है ये सिस्टम

हमारे लिए यह खुशी की बात है कि भारत में दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम है। हाल ही में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि- “देश में 2016 से ही अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रोजेक्ट चालू हो चुका था और 2023 तक दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम हमारे पास था। 7 दिन पहले अनुमान देने वाले दुनिया में 4 ही देश हैं, जिनमें से एक भारत भी है।” अर्ली वॉर्निंग सिस्टम का इस्तेमाल करके अब तक गुजरात, ओडिशा जैसे कई राज्यों को बड़े तूफान से होने वाले नुकसान से बचाया जा चुका है।

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Rishita Diwan

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