E-Bike: बेटे के लिए कबाड से बना डाली ई-बाइक!

E-Bike: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के रहने वाले संतोष साहू (santosh sahu from balod) आजकल चर्चा में हैं। कारण है उनका वो इनोवेशन जो उन्होंने अपने बेटे के लिए किया। उन्होंने कबाड़ से जुगाड़ कर अपने बेटे की साइकल को ई-बाइक बना दिया है। अब उनके इस काम की हर तरफ तारीफ हो रही है।   

कैसे आया आइडिया?

संतोष साहू का बेटा किशन साहू आठवी कक्षा में पढ़ता है। स्कूल 20 किमी दूर होने की वजह से उसे आने-जाने में परेशानी होती थी। इस परेशानी का हल निकालने के लिए संतोष को ये उपाय सूझा। संतोष ने बेटे की साइकिल पर ही बैटरी लगाने की सोची। संतोष ने बेटे की साइकल को पूरी तरह से मॉडिफाइड कर दिया। अब किशन अपनी ई साइकल से आराम से स्कूल आना जाना करता है।

कबाड़ से जुगाड़

संतोष (santosh sahu from balod)पेशे से वेल्डर हैं। उन्हें थोड़ी टेक्निकल एक्सपिरियंस पहले से ही थी। कुछ उन्होंने अपने दिमाग से काम लिया। जहां परेशानी हुई वहां इंटरनेट की मदद ले ली। अलग-अलग जगहों से सामान इकट्ठा किया।  साइकल में यूज किया ज्यादातर सामान वेस्ट मटेरियल है। जिसे कबाड़ समझ कर फेक दिया गया था। 2 दिन की कड़ी मेहनत के बाद संतोष ने अपने बेटे की साधारण सी साइकिल को(e-bike) ई-बाइक में बदल दिया।

मिलने लगे ऑर्डर

संतोष का यह इनोवेशन तब चर्चा में आया जब बेट का वीडियो वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर किशन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में किशन अपनी जुगाड़ की ई बाइक (e-bike)से स्कूल जा रहा है। इसके बाद संतोष कुमार को और भी लोग अपनी साइकल को ई-बाइक में बदलने का ऑर्डर दे रहे हैं।

कितनी देर में होता है फुल चार्ज?

संतोष ने(santosh sahu from balod) अपनी बनाई हुई साइकल में कबाड़ में पड़ी बैटरी लगाई है। हैंडल के साथ दो एक्सीलरेटर भी दिए हैं। फिलहाल इस ई-बाइक को 6-8 घंटे चार्ज करने पर फुल चार्ज होती है। एक बार फुल चार्ज होने पर ये ई-बाइक (e-bike)80 किलोमीटर तक चल सकती है। अगर संतोष को किसी तरह का प्रोत्साहन मिलता है तो, इससे और बेहतर क्वालिटी की ई-बाइक बना सकता है। संतोष का कबाड़ से किया ये इनोवेशन सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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