Disaster Management: आज तकनीक के युग में जहां एक क्लिक में दुनिया तक पहुंचा जा सकता है, वहीं अब प्राकृतिक आपदाओं से बचाव भी मोबाइल स्क्रीन पर संभव हो गया है। भारत सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा और जान-माल की हानि को कम करने के उद्देश्य से तीन महत्वपूर्ण मोबाइल एप विकसित किए हैं ‘सचेत’, ‘दामिनी’ और ‘मेघदूत’। ये ऐप न केवल समय रहते चेतावनी देते हैं, बल्कि जीवन और संपत्ति की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
आपदा से पहले चेतावनी
भारत जैसे विशाल और विविध भौगोलिक परिस्थितियों वाले देश में हर साल बाढ़, आकाशीय बिजली, चक्रवात, भूकंप और लू जैसी प्राकृतिक आपदाएं लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं।पहले जहां ऐसी घटनाएं अचानक होती थीं, वहीं अब डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से खतरे से पहले चेतावनी मिलना संभव हो गया है।
इन ऐप्स के ज़रिए अब कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्टफोन पर ही यह जान सकता है कि उसके क्षेत्र में मौसम का मिज़ाज कैसा रहने वाला है और अगर खतरा है तो उससे निपटने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
‘दामिनी ऐप’
- आकाशीय बिजली भारत में हर साल हजारों लोगों की जान ले लेती है। ऐसे में ‘दामिनी ऐप’ को विशेष रूप से इसी उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- यह ऐप 10 से 30 किलोमीटर पहले ही बिजली गिरने के खतरे की सूचना दे देता है और साथ ही बताता है कि इस दौरान व्यक्ति को क्या सावधानी बरतनी चाहिए — जैसे कि पेड़ के नीचे न खड़ा होना, बिजली उपकरणों को बंद रखना, और खुले मैदान से दूर रहना।
- यह ऐप भारतीय मौसम विभाग (IMD) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) द्वारा तैयार किया गया है, और इसे गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त डाउनलोड किया जा सकता है।
- ‘दामिनी’ अब ग्रामीण इलाकों में जीवन बचाने की एक सशक्त तकनीक बन चुकी है।
‘मेघदूत ऐप’
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसान मौसम पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में ‘मेघदूत ऐप’ किसानों के लिए एक डिजिटल सलाहकार की तरह काम करता है। यह ऐप मौसम पूर्वानुमान, तापमान, वर्षा, हवा की दिशा और आर्द्रता की सटीक जानकारी प्रदान करता है। इसके आधार पर किसान बुवाई, सिंचाई, खाद देने और कटाई जैसे महत्वपूर्ण निर्णय समय पर ले सकते हैं। इस ऐप की विशेषता यह है कि यह स्थानीय भाषा में जानकारी उपलब्ध कराता है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों के किसान आसानी से इसे समझ सकें। ‘मेघदूत’ कृषि और मौसम के बीच एक मजबूत कड़ी बन गया है, जो न केवल उत्पादकता बढ़ा रहा है बल्कि किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने में मदद कर रहा है।
‘सचेत ऐप’
- ‘सचेत ऐप’ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा संचालित है।
- यह ऐप रीयल-टाइम अलर्ट भेजकर नागरिकों को संभावित आपदा के बारे में पहले से सूचित करता है, ताकि लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें।
- इस ऐप की खासियत है इसका GPS-आधारित सिस्टम, जो यूजर के स्थान के अनुसार चेतावनी देता है।
- इसके साथ ही यह आपातकालीन संपर्क नंबर, राहत केंद्रों की लोकेशन और सुरक्षा दिशानिर्देश भी साझा करता है।
- आपदा की स्थिति में टोल फ्री नंबर 1070 के माध्यम से तत्काल मदद प्राप्त की जा सकती है।
- ‘सचेत’ वास्तव में एक ऐसा ऐप है जो सरकार और जनता के बीच विश्वास और तत्परता की कड़ी बन रहा है।
आपदा प्रबंधन का नया युग
इन तीनों ऐप्स के आने से भारत ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन ऐप्स के उपयोग से न केवल जान-माल की हानि में कमी आएगी बल्कि आपदा के समय प्रतिक्रिया की गति भी बढ़ेगी। स्मार्टफोन रखने वाला हर व्यक्ति अब सुरक्षा और सतर्कता का सशक्त माध्यम अपने पास रखता है।
स्मार्टफोन अब सेफ्टी शील्ड
आज जब प्रकृति का मिजाज पलभर में बदल सकता है, तब सरकार की यह पहल नागरिकों को सशक्त और सजग बना रही है। अब हर नागरिक के पास अपनी सुरक्षा के लिए डिजिटल कवच मौजूद है बस ज़रूरत है इन ऐप्स को अपनाने और दूसरों को जागरूक करने की। ‘सचेत’, ‘दामिनी’ और ‘मेघदूत’ सिर्फ मोबाइल ऐप नहीं हैं ये डिजिटल भारत की सुरक्षा की नई दीवारें हैं, जो हर नागरिक को कहती हैं- “आपदा आने से पहले ही हो जाइए सतर्क, क्योंकि सुरक्षा अब आपकी मुट्ठी में है।”

