BHISHM: अगर आपसे ये कहा जाए कि आप तक हॉस्पिटल खुद उड़कर आएगा। तो क्या आप यकीन करेंगे। शायद आप यकीन नहीं करेंगे। लेकिन वायुसेना ने इसे सच साबित कर दिया है। दरअसल वायुसेना ने मरीज तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने वाला अस्पताल बनाया है। जो इमरजेंसी की हालत में सिर्फ 8 मिनट में जरूरत के स्थान पर उड़कर पहुंच जाएगा। इस इनोवेशन को नाम दिया गया है ‘BHISHM’ जानते हैं क्या है भीष्म की खासियत और ये कैसे और कहां काम करेगा।
इंडियन एयरफोर्स ने बनाया उड़ने वाला हॉस्पिटल
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने एक पोर्टेबल अस्पताल तैयार किया है। इसके परीक्षण के दौरान इन अस्पतालों को 1500 फीट की ऊंचाई से जमीन पर लैंड कराया गया। वायुसेना ने पहली बार हॉस्पिटल को जमीन पर उतारने का सफल परीक्षण किया और इसकी खास बात ये है कि ये पूरी तरह से स्वदेशी पोर्टेबल हॉस्पिटल है।
क्या है प्रोजेक्ट भीष्म?
इस प्रोजेक्ट का नाम है भीष्म (BHISHM). इसके जरिए घायल व्यक्ति को इमरजेंसी की हालत में अस्पताल की प्राथमिक सुविधाएं मिलेंगी। प्रोजेक्ट भीष्म के तहत दुर्गम स्थानों पर या फिर विपरीत हालात में मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
सिर्फ 8 मिनट में मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा
आगरा में भारतीय वायुसेना ने मलपुरा ड्राॉपिंग जोन में पोर्टेबल अस्पताल भीष्म का सफलता पूर्वक ट्रायल किया गया। इसकी मदद से किसी भी दुर्गम स्थान या प्राकृतिक आपदा में अस्पताल भीष्म को विमान या हेलिकॉप्टर की मदद से कहीं भी तुरंत उतारने की सुविधा होगी। लद्दाख और करगिल जैसे मोर्चे के लिए इस सफलता को अहम माना जा रहा है। पोर्टेबल अस्पताल भीष्म मजबूत, वाटरप्रूफ और सोलर एनर्जी व बैटरी से चलती है।
भीष्म पोर्टेबल अस्पताल में खास
- स्वदेशी भीष्म (BHISHM) पोर्टेबल अस्पताल को 36 क्यूब्स में बनाया गया है।
- एक भीष्म (BHISHM) बनाने की लागत 1.50 करोड़ रुपये है।
- ये एक्स-रे मशीन, ब्ल्ड की जांच, ऑपरेशन थियेटर, वेंटिलेटर की सुविधा देता है।
- अस्पताल भीष्म में आसानी से इलाज भी हो सकता है।
- भारतीय सेना को बॉर्डर एरिया में मदद करेगा।
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Positive सार
वायुसेना का ये प्रोजेक्ट भीष्म (BHISHM) भारतीय सुरक्षा को और मजबूदी देगा। इससे आपदा और युद्ध वाले क्षेत्र में गंभीर रूप से घायल लोगों को जल्द इलाज उपलब्ध होगा।