BHISHM Cube क्या है? 12 मिनट में तैयार होने वाला अस्पताल!”

Bhishma Cube: यूक्रेन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन को मदद के तौर पर 4 मोबाइल हॉस्पिटल की सहायता की है। इन मोबाइल हॉस्पिटल्स को ‘भीष्म क्यूब’ नाम दिया गया है। भीष्म क्यूब  आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तुरंत मेडिकल मदद पहुंचाने के लिए बनाए गए मोबाइल अस्पताल के बारे में हर कोई जानना चाहता है। आइए जानते हैं मोबाइल हॉस्पिटल्स किस तरह काम करते हैं और इसे भीष्म नाम ही क्यों दिया गया।

क्या होते हैं मोबाइल अस्पताल

भीष्म क्यूब मोबाइल हॉस्पिटल एक मॉड्यूलर मेडिकल यूनिट्स हैं जिसे खासतौर पर आपदाग्रस्त और युद्द क्षेत्रों में जरूतमंदों तक जल्द से जल्द उपचार पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है। अक्सर त्रासदी वाले इलाकों का संपर्क आसपास के इलाकों से टूट जाता है और सबसे ज्यादा परेशानी घायलों को अस्पतला पहुंचाने में होती है, ऐसे में भीष्म क्यूब खुद घायलों और जरूरतमंदों के पास पहुंच कर उन्हें मेडिकल मदद पहुंचा सकता है।

भीष्म नाम क्यों पड़ा?

मोबाइल अस्पताल भीष्म को तैयार करने के लिए प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया गया था। इस प्रोजेक्ट को स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मिलकर पूरा किया है। इंडियन एयरफोर्स, भारतीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और डिफेंस टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट्स ने भीष्म क्यूब को डेवलेप किया है और इसकी टेस्टिंग भी की है। मोबाइल अस्पताल का पूरा नाम ‘बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज’ है जिसे शॉर्ट में BHISM कहा जाता है।  

मॉर्डन टेक्नोलॉजी से है लैस

भीष्म क्यूब भले ही मोबाइल हॉस्पिटल है लेकिन उसमें इमरजेंसी मेडिकल कंडिशन में जरूरत पड़ने वाले सभी आधुनिक उपकरण और दवाएं मौजूद रहती हैं। इसमें सर्जरी से जुड़े सभी टूल और सुविधाओं के साथ डायग्नोस्टिक टूल्स भी मौजूद होते हैं। इन सुविधाओं की मदद से किसी भी आपात स्थिति में तुंरत उपचार शुरु किया जा सकता है। भीष्म क्यूब यूनिट की मदद से एक साथ 200 लोगोंका इलाज किया जा सकता है।

12 मिनट में तैयार होते हैं भीष्म क्यूब

तमाम तरह की मेडिकल फैसिलिटी वाले भीष्म क्यूब यूनिट्स को तैयार करने में सिर्फ 12 मिनट का  समय लगता है। इन पोर्टेबल यूनिट्स को मास्टर क्यूब केज के 2 सेट्स की मदद से तैयार किया गया है हर केज में 36 मिनी क्यूब होते हैं। ये सभी क्यूब्स मजबूती के हर पैमाने पर पास होने के बाद तैयार किए जाते हैं। सभी क्यूब वजन में बेहद कम और वॉटर प्रूफ होते हैं। काम पूरा जो जाने के बाद इसे सावधानिपूर्वक फोल्ड करके पैक कर दिया जाता है और दोबारा जरूरत पड़ने पर फिर से उपयोग में लाया जा सकता है।

जल, जमीन, आकाश से ट्रांसपोर्टेशन

भीष्म क्यूब की सबसे बड़े खासियत है इसे किसी भी आपात परिस्थिति में या किसी भी युद्द क्षेत्र में उतारा जा सकता है। भीष्म क्यूब को जमीन, पानी और हवा में कहीं भी आसानी से लाया जा सकता है। इसकी टेस्टिंग करते वक्त भारतीय वायु सेना ने 15 हजार फीट की ऊंचाई से पैरासूट की मदद से जमीन पर सुरक्षित लैंड कराया था। इसका वजन इतना कम रखा गया है कि ड्रोन की मदद से भी  इसे किसी भी दुर्गम जगहों पर पहुंचाया जा सकता है।

Positive सार        

‘भीष्म क्यूब’ भारत में किसी भी आपात स्थिति में जीवन दायनी उपाय है। इस मोबाइल अस्पताल की किसी भी स्थिति में पहुंचने की क्षमता ही इसकी सबसे बड़ी खासियत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन को 4 भीष्म क्यूब देकर ना सिर्फ यूक्रेन के साथ अपने संबंधों को मजबूत किय है बल्की देश में शांति बहाली का भी संदेश दिया है।

Shubhendra Gohil

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *