मिसाल : कर्नाटक का सरकारी स्कूल इसरो के साथ मिलकर बनाएगा 75 सैटेलाइट

र्नाटक के मल्लेश्वरम का सरकारी बॉयज स्कूल पूरे देश के
लिए मिसाल कायम कर रहा है। यह स्कूल इसरो के साथ मिलकर 75 सैटेलाइट बनाएगा जिसे
अगले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लांच किया जाएगा। बेंगलूरू के इस सरकारी
स्कूल में एक हाईटेक अटल टिकरिंग लैब है, जिसकी वजह से यहां के छात्रों ने यह
मुकाम हासिल किया है। छात्रों की इस उपलब्धि के अलावा इस लैब की भी कहानी
प्रेरणादायक है। दरअसल राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान प्रतियोगिता में कुछ छात्रों के
इनोवेशन टॉप-50 में चुने गए थे। इसी वजह से स्कूल को केंद्र सरकार और नीति आयोग की
तरफ अटल टिकरिंग लैब मिली थी। आज इस लैब की उपलब्धता और स्कूल के बच्चों की मेहनत
से मल्लेश्वरम् का यह सरकारी स्कूल अपनी तरह का देश का पहला स्कूल बन गया है।

इसरो के इस सैटेलाइट प्रोजेक्ट में 8वीं से 10वीं तक के
बच्चे काम करेंगे। सैटेलाइट की डिजायनिंग और उसे बनाने का काम स्कूल के लैब में ही
होगा। इस स्कूल के अलावा दूसरे स्कूल के कुछ प्रतिभाशाली बच्चों को भी इस
प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। स्कूल ने इस साल फैसला लिया है कि लड़कों के इस स्कूल में
लड़कियों को भी एडमिशन दिया जाएगा, ताकि इस बेहतरीन शिक्षा का हिस्सा सभी छात्र
बनें। कर्नाटक के इस सरकारी स्कूल ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा के आगे अभाव
भी छोटा पड़ जाता है। यह स्कूल अपने जैसे और स्कूलों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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