भारतीय युवा दुनियाभर में कमाल का काम कर रहे हैं। कोई साइंस और टेक से जुड़े इनोवेशन के लिए काम कर रहे हैं तो कोई मैनेजमेंट की दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहा है। कोई कृषि के लिए कोई स्टार्टअप और बिजनेस के लिए काम कर रहा है। सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि अच्छा और बड़ा संस्थान ऐसे युवाओं को तैयार करता है लेकिन कुछ युवा ऐसे भी हैं जिन्हें किसी बड़े संस्थान की जरूरत नहीं है कुछ नया और इनोवेटिव करने के लिए वे अपनी मेहनत, रूचि और दृढ़संकल्प के बल पर काफी अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे ही युवाओं में से एक है असम का कनक गोगोई, जो सिर्फ दसवीं पास हैं और अपने इनोवेशन से स्थानीय किसानों की काफी मदद कर रहे हैं।
कनक गोगोई क्या कर रहे हैं खास?
सीरियल इनोवेटर कनक ने एक छोटा और किफायती ट्रैक्टर तैयार किया है जो किसानों की मदद करने के साथ-साथ, बेरोज़गार युवाओं को खेती से जोड़ने का भी काम कर रहा है। कनक को उनकी ग्रेविटी ऑपरेटेड साइकिल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
कनक गोगोई और उनके इनोवेशन के बारे में
गुवाहाटी में रहने वाले सीरियल इनोवेटर कनक गोगोई, पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से लोगों की ज़िंदगी आसान बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उनकी कोशिश रहती है कि वह लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए काम कोई तकनीकी हल निकालें। कुछ दिनों पहले उन्होंने एक कम लागत वाला ट्रैक्टर बनाया है। जिसकी मदद से छोटे किसान आसानी से खेती कर पा रहे हैं।
कनक के पिता चाहते थे कि वे पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करें। लेकिन मशीनों से प्यार करने वाले कनक को किताबों से लगाव कभी नहीं रहा। उन्होंने जोरहाट में कई मकैनिकल वर्कशॉप्स में काम सीखकर अपना हुनर डेवलप किया। इसके साथ-साथ वे डेयरी से दूध लेकर बेचने जाने लगे। बाद में एक स्थायी नौकरी की तलाश में उन्होंने जल विभाग के लिए बतौर कॉन्ट्रेक्टर काम भी किया।
छोटी सी वर्कशॉप में करते हैं बड़े-बड़े आविष्कार
उन्होंने गुवाहाटी में एक छोटी सी जगह में वर्कशॉप बनाई है। यहां वे अपने आइडियाज़ पर काम करते हैं। पिछले दो दशकों में उन्होंने 10 से भी ज्यादा इनोवेशन्स कर दिए हैं। साल 1997 में उन्होंने पावर हंग ग्लाइडर के नाम से इसकी शुरूआत की। अभी हाल ही में उन्होंने एक छोटे और अलग मॉडल का ट्रैक्टर तैयार किया है।
उन्होंने ग्रेविटी ऑपरेटेड साइकिल, शैलो वॉटर बोट, फ्लाइंग मशीन से लेकर कंप्रेस्ड एयर टेक्नोलॉजी कार, ग्रीन इलेक्ट्रिक कार, एनर्जी जनरेटेड डिवाइस और मल्टी पर्पज़ ट्रैक्टर जैसी कई कमाल की चीज़ें बना दी है।
उन्होंने यह नया ट्रैक्टर लॉकडाउन के दौरान बनाया था। उनका ट्रैक्टर आकार में काफी छोटा है और छोटे किसानों के लिए एकदम फायदेमंद। 40 हज़ार रुपये से भी कम कीमत वाले इस ट्रैक्टर में पीछे हल और कोई भी छोटी ट्राली लगाई जाती है। कनक का ये इनोवेशन किसानों के लिए वरदान है कि अगर कोई खेती करना चाहता है, लेकिन लाखों का ट्रैक्टर नहीं खरीद सकता है, तो वह इस ट्रैक्टर से अपना काम ले सकता है। कनक की रूचि रोजगार देने के साथ ही कई लोगों की मुश्किल भी हल कर रही है। आने वाले दिनों में भारतीय इनोवेशन का चेहरा हो सकते हैं।