IIT Innovation:भारतीय टेक्नोलॉजी का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। दुनिया के विकसित देशों के बीच अब भारतीय टेक्नोलॉजी अपना लोहा मनवा रही है। (IIT Driverless car) इस बात का उदाहरण हैं हमारे भारतीय इनोवेशन के क्षेत्र में हो रहे काम। लेन-देन, व्यापार में भारतीय टेक्नोलॉजी ने अपने पैर पसारे हैं। वहीं अब भारतीय ट्रांसपोर्टेशन में टेक्नोलॉजी उतर चुकी है। हाल ही में आईआईटी के स्टूडेंट्स ने एक नया आविष्कार किया है जिसे देसी ड्राइवरलेस कार कहा जा रहा है। (IIT Driverless car) ये आने वाले समय में ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में क्रांति बनकर उभरेगा।
आईआईटी हैदराबाद ने बनाई ड्राइवरलेस कार
आईआईटी हैदराबाद ने पूरी तरह से देसी टेक्नोलॉजी ने ड्राइवरलेस कार बनाया है। इसे तैयार कर सड़कों पर उतार दिया है। (IIT Driverless car) पिछले कुछ महीनों से ये कार छात्रों और प्रफेसरों को कैंपस के भीतर लाने ले-जाने का काम कर रही हैं। इसे मॉडल के तौर पर लाया गया है। आईआईटी हैदराबाद का ये आविष्कार इतना सक्सेसफुल है कि इसे देखकर उत्साह बढ़ जाता है।
क्लोज्ड इलेक्ट्रिक कार
चार पहियों वाली ये क्लोज्ड इलेक्ट्रिक कार आईआईटी के TiHAN सेंटर में डेवलप हुआ है। यह पूरी तरह से स्क्रैच यानी कबाड़ बेकार से बनाई गई हैा। आईआईटी का TiHAN सेंटर पहली स्वायत्त नैविगेशन टेस्टबेड (एरियल टेरेस्ट्रियल) फैक्ट्री के तौर पर अपनी पहचान रखता है। इस सेंटर में दो कारें बनाई गई हैं। एक साल के लिए इनका टेस्ट कैंपस में होगा।
ड्राइवरलेस कार की खासियत
TiHAN सेंटर की डायरेक्टर का कहना है कि इस केंद्र में जो शटल कार बनाई गई है, उसमें तमाम तरह के सेंसर और संबंधित टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। टेस्ट (IIT Driverless car)के बाद उसे कैंपस में और अधिक जांच हो सके इसके लिए काम लिया जा रहा है। इसमें LiDAR आधारित नैविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल भी किया गया है। ड्राइवरलेस कारों को शटल कहते हैं।
डेटा जुटाने के लिए हैदराबाद ट्रैफिक में वाहनों को तैनात करने का काम किया गया था. इस डेटा का इस्तेमाल बैकग्राउंड रिसर्च में ड्राइवरलेस कारों को बनाने में किया गया है। कई और प्रोटोटाइप भी इसके लिए तैयार किए गए हैं। ये विभिन्न चरणों में टेस्टिंग पूरा कर रहा है।
शटल के अलावा सेंटर कई तरह के ऑटोमेटेड व्हीकल बन रहे हैं। इनमें एरियल, मल्टीटेरेन और जमीन की खुदाई करने वाले व्हीकल मशीन हैं। ये सेंटर देश की पॉलिसी फ्रेमवर्क की दिशा में काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।