Atal Setu: देश का सबसे बड़ा समुद्री ब्रिज बनकर तैयार, 35 मिनट में पूरा होगा 2 घंटे का सफर!

Atal Setu: भारतीय रोड इंफ्रास्ट्रक्चर आज कई कीर्तिमान स्थापित बना रहा है। बेहतर रोड कनेक्टिविटी के मामले में भारत की एक अलग ही पहचान है। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नेतृत्व का ही परिणाम है कि अब भारत बेहतर ट्रांसपोर्ट और रोड कनेक्टिविटी से जुड़ गया है। आज भारत में दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग भारत में मौजूद है और अब देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज भी तैयार हो गया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को करने वाले हैं। इस ब्रिज के उद्घाटन के बाद दो घंटे का सफर सिर्फ 35 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। 

देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज ‘अटल सेतु’ 

‘अटल सेतु’ भारत का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज होगा। ये मुंबई में बना है। इस ब्रिज की कुल लंबाई 21.8 किलोमीटर है। यह ब्रिज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के नाम से जाना जाता था जिसे अब अटल सेतु के नाम से जाना जाएगा। भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल राष्ट्रीय राजमार्ग 4B पर सेवरी से शुरू होकर शिवाजी नगर, जस्सी और चिरले में इंटरचेंज होगा। यह ब्रिज आने वाले दिनों में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा। इस ब्रिज की सबसे खास बात ये है कि इससे दो घंटे का सफर सिर्फ 35 मिनट में पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में मुंबई के शिवड़ी से न्हावासेवा के बीच 22 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण की नींव रखी थी। 

17 एफिल टॉवर के बराबर लोहा

‘अटल सेतु’ इतना मजबूत है कि इसे बनाने में 1.70 लाख मीट्रिक टन स्टील बार का इस्तेमाल किया गया है। इतने टन स्टील से 17 एफिल टॉवर बनाए जा सकते हैं। पृथ्वी के डायमीटर का चार गुना यानि 48 हजार किलोमीटर लंबे प्रीस्ट्रेसिंग तार और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को बनाने में लगे कंक्रीट का छह गुना (9.75 लाख क्यूबिक मीटर) कंक्रीट यहां पर लगा है।

7500 श्रमिकों की मेहनत और लगभग 600 इंजीनियरों का योगदान

प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अधिकारी इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार कह रहे हैं। एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एमटीएचएल प्रोजेक्ट में 7500 श्रमिकों और करीब 600 इंजीनियर्स ने प्रतिदिन काम कर इसे पूरा किया है। वहीं, 5 देशों के इंजीनियरों ने भी इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

 ‘अटल सेतु’ की वो बातें जो हर भारतीय के लिए हैं खास

  • मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक देश का सबसे लंबा समुद्री पुल के रूप में अपनी पहचान रखता है।
  • ‘अटल सेतु’ की लंबाई 21.8 किलोमीटर है। 
  • ‘अटल सेतु’ का कुल विस्तार समुद्र के ऊपर 16.5 किलोमीटर तक है। यह समुद्र पुल 6 लेन का है। 
  • ‘अटल सेतु’ दक्षिणी मुंबई को नवी मुंबई से जोड़कर महानगर क्षेत्र से कनेक्टिविटी की सुविधा को बढ़ाएगा।  विस्तार करेगा।
  • ‘अटल सेतु’ पुल के निर्माण से यातायात सिस्टम में सुधार आएगा और लोगों को ट्रैफिक की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। 
  • मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक के मुकाबले ‘अटल सेतु’ 4 गुना अधिक लंबा है।
  • ‘अटल सेतु’ पुल बनने से दक्षिणी मुंबई से नवी मुंबई एयरपोर्ट तक जाना सरल होगा।
  • इस पुल से मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।
  • भारत के सबसे बड़े समुद्र पुल से करीब 70 हजार वाहन रोज गुजरेंगे।
  • ‘अटल सेतु’ समुद्र पुल को बनाने की कुल लागत 17,843 करोड़ रुपये है।

Positive सार 

अटल सेतु का निर्माण भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए किया गया है। पर्यावरण अनुकूल यह पुल हर गाड़ी का 700 रुपये का फ्यूल बचाएगा। इसके साथ ही पुल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले 400 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं जिससे सुरक्षा के लिहाज से काफी मदद मिल सकेगी। वहीं अगर पुल पर कोई गाड़ी खराब होती है और पुल पर कोई रुकता है या फिर कोई संदिग्ध दिखाई देता है तो कैमरा तुरंत कंट्रोल रूम को खबर कर देगा। इतनी सारी सुविधाओं के साथ मौजूद भारत का ये अनोखा इंफ्रास्ट्रक्चर नए भारत की कहानी लिख रहा है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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