Mental Health के लिए जरूरी है वर्कआउट, जानें और क्या कहता है नया रिसर्च!


Workout और Exercise के फायदे तो जगजाहिर हैं इस पर कई बड़ी यूनिवर्सिटीज रिसर्च भी कर रही हैं, लेकिन हाल ही में एक हेल्थ जर्नल में पब्लिश हुए रिपोर्ट इस बात को और मजबूत करते हैं। दरअसल इस रिसर्च के मुताबिक वर्कआउट में नए तरीकों को शामिल करने से मेंटल रूप से हेल्दी रहा जा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो एक्सरसाइज करते वक्त वयस्कों के चेहरे पर अक्सर एक जैसा स्थिर भाव दिखाई देता है। फिर चाहे वे जॉगिंग कर रहे हों, पुश-अप या फिर फुटबॉल ही क्यों न खेल रहे हों। लेकिन इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि वर्कआउट को लेकर चंचल रवैया अपनाना चाहिए। इससे मानसिक सेहत को काफी फायदा मिलता है।

इस रिसर्च से जुड़ी एक शोधकर्ता करती हैं कि, आपने बच्चों को वर्कआउट करते जरुर देखा होगा, वे एक्सरसाइज करते समय गलतियां करने या मूर्ख दिखने को लेकर जरा भी परेशान नहीं रहते हैं। बेहतर वर्कआउट के लिए एक बच्चे की तरह सोचना एकदम जरूरी है। अच्छे नतीजों के लिए बचपन की ओर देखें, बचकानी चीजें होने दें। इसका सीधा संबंध मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है।


लोग क्या कहेंगे ये सोचना छोड़ दें

ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि लोग क्या कहेंग इसलिए वो अपने पसंद का काम नहीं कर पाते हैं। लेकिन इस पर हुए रिसर्च के मुताबिक आप अपने मन के मुताबिक व्यायाम या वर्कआउट करें। संकोच करते हुए एक्सरसाइज से आपको नुकसान हो सकता है।


संकोच से बचें

लोगों में किशोरावस्था शुरू होते-होते गंभीरता आ जाती है। एक्सरसाइज के आनंद को दोबारा खोजने का फॉर्मूला है, पहले की यादों को ताजा करें। इसमें पेड़ों पर चढ़ना, रेलिंग पर बैलेंस बनाना और चारों तरफ लिपटना जैसे बचकानी चीजों को शामिल करें। इससे नजरिया ही बदलता है।


बच्चों जैसा करें, नए तरीके खोजें

बच्चों को खेलते हुए जरूर देखा होगा। बच्चे लंबे समय तक लगातार नहीं चलते वे रुकते हैं, खेलते हैं फिर से वे ऊर्जा का इस्तेमाल रुक-रुक कर करते हैं। इसके अलावा वॉक के दौरान दौड़ने या कूदने जैसी चीजें शामिल करें।


परफेक्शनिज्म की चिंता किए बगैर प्रोसेस को मजेदार बनाए। वर्कआउट के साथ मजा लेने का मतलब है, नई चीजों को आजमाना और गड़बड़ी से बिल्कुल नहीं डरना। यही वजह है, कि  मेंटल स्ट्रेस नहीं रहता है और खुशी का अहसासा होता है।

नोट- लेख रिसर्च पर आधारित है, किसी भी तरह की नई चीजें करते समय एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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