स्वाद ही नहीं सेहत के लिए भी बेमिसाल है ये दाल, जानें कैसे दालों से मिलता है बॉडी को फुल न्यूट्रीशन !



दाल इंडियन्स का सबसे जरूरी भोजन है। बिना दाल के भारतीयों की थाली पूरी नहीं मानी जाती है। भारत के हर हिस्से में दालों को अलग-अलग तरीके से बनाया और खाया जाता है। भारतीय भोजन का अनिवार्य हिस्सा है दाल और हो भी क्यों नहीं। दरअसल दाल स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी भरपूर ख्याल रखता दालें हमारे शरीर को आयरन, जिंक, फोलेट, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई विटामिन, खनिज और प्रोटीन्स देते हैं। कई शोधों से यह पता चला है कि दालों से हमें चावल, गेहूं, जई, मक्का और जौ से 2-3 गुना अधिक प्रोटीन मिलता है। उदाहरण के लिए, आधा कटोरी दाल खाने से दो कटोरी चावल के बराबर प्रोटीन का लाभ होता है। दाल खाते समय ये ध्यान रखना होता है कि भोजन के साथ इनका सही अनुपात क्या होगा। इस लेख के माध्यम से जानते हैं दालों के गुण…

दालों की कई प्रकार होती है… जैसे चना दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, तुअर/अरहर दाल, उड़द दाल, राजमा, लोबिया, मोठ दाल, काला चना, काबुली चना, सोयाबीन, सूखी सफेद और हरी मटर। इन दालों को हफ्ते में एक बार दो-तीन प्रकार की दालों को एक साथ मिलाकर भी बनाया जा सकता है। इन्हें सलाद, सैंडविच आदि में भी शामिल कर सकते हैं।

पकाने से पहले भिगोकर दालों को अंकुरित करें

दालों में प्रोटीन, खनिज और विटामिन के अलावा कई प्रकार के एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं। लेकिन कई बार ये पोषक तत्व कई लोगों में सूजन, अपच और गैस का कारण बनते हैं। हमेशा दालों को पकाने से पहले भिगोकर अंकुरित कर लेना चाहिए। इससे इनमें मौजूद अमीनो एसिड का बढ़िया अवशोषण हो जाता है।

दाल का अनाज के साथ सही हो अनुपात

दालों को अनाज के साथ सही अनुपात में शामिल करना बेहद जरूरी है। दाल को चावल के साथ खाते हैं तो इसका अनुपात 1:3 रखें। अगर बाजरे और अनाज के साथ मिलाकर खा रहे हैं तो इसका अनुपात 1:2 रख लें यानी एक हिस्सा दाल और दो हिस्सा अनाज।

दाल से होने वाले फायदे

दालें प्रोटीन और फाइबर से भरपूर और वसा में कम होती हैं जिसकी वजह से इन्हें खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती। कई अध्ययन ये बताते हैं कि जो लोग अपने दैनिक जीवन में संतुलित मात्रा में दालों का उपयोग करते हैं उनका वज़न दूसरे लोगों की अपेक्षा चार गुना अधिक कम हुआ है।

दिल का रखता है ख्याल

दालें दिल के लिए स्वस्थ भोजन के रूप में मौजूद हैं। ये रक्तचाप को कम करने, शरीर के वज़न को नियंत्रित रखने और कॉलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करती हैं। इसके अलावा शुगर को भी मधुमेह नियंत्रित करती है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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