Moringa Oleifera Benefits: सहजन यानी कि ड्रमस्टिक हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है, इसका बोटेनिकल नाम मोरिंगा ओलिफेरा (Moringa Oleifera) है। इसे ही मोरिंगा भी कहा जाता है। भारत में पैदा होने वाले ड्रमस्टिक को सुपर फूड कहें तो गलत नहीं होगा। कई न्यूट्रिशन से भरपूर ड्रमस्टिक को आयुर्वेद विशेषज्ञ भी काफी फायदेमंद मानते हैं।
बड़े काम की सहजन के फूल
सहजन के फूल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीहेलिमिंटिक से भरपूर होते हैं, जिसकी वजह से कीट नाशक, हेपटोप्रोटेक्टिव (लिवर को सुरक्षित रखने वाला) और एंटीबायोटिक जैसे गुण इसमें पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें सूजन की समस्या को कम करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और मांसपेशियों की समस्या से प्रोटेक्शन के गुण भी होते हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर
मोरेंगा पर कई अध्ययन किए गए हैं, जिसके अनुसार इसकी पत्तियों में संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन, दूध से 3 गुना अधिक कैल्शियम, अंडे से 36 गुना अधिक मैग्नीशियम पाए जाते हैं। वहीं,पालक से 24 गुना अधिक आयरन, केले से 3 गुना अधिक पोटेशियम भी इसमें होते हैं। इसका प्रयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है।
एंटीएजिंग के रूप में भी फायदेमंद
डाइट में सहजन को या इसकी पत्तियों को शामिल करना चाहिए। एक्सपर्ट्स के अनुसार इसके इस्तेमाल से चेहरे पर बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं इसके बीज भी कम उम्र में त्वचा पर एजिंग के प्रभाव को कम करते हैं।
पेट दर्द और अल्सर को ठीक करने में कारगर
सहजन या सहजन की पत्तियों के उपयोग से कई पेट संबंधी समस्याओं जैसे – पेट दर्द और अल्सर से बचाव होते हैं। इसमें एंटी-अल्सर गुण शामिल होते हैं। जिसकी वजह से अल्सर के जोखिम से भी ये बचाव करता है। ऐसा भी प्रूव किया जा चुका है कि लिवर की समस्याओं से भी इसमें राहत मिलती है। यही नहीं इसकी छाल भी पेट के लिए उपयोगी होते हैं, यह पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद करती है।
डिप्रेशन को कम करता है सहजन का फूल
सहजन के फूल का उपयोग लाभकारी है, दरअसल, सहजन के फूल में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, यह ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के जोखिम को कम कर त्वचा को हेल्दी रखता है। हालांकि, इस विषय में सीधे तौर पर अभी शोध की जरूरत है।