International Year of Millet 2023: सेहत के लिए फायदेमंद है मोटा अनाज, दिल का भी रखता है ख्याल!



संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है, ताकि मोटे अनाज के फायदे को लेकर जागरूकता हो और इसके उत्पादन की पहुंच हर किसी तक हो। मोटे अनाज को साबुत अनाज या होलग्रेन भी कहते हैं। इस लेख के जरिए जानते हैं कि आखिर यह मोटा अनाज है क्या और क्यों पूरी दुनिया में इसकी अचानक मांग क्यों बढ़ी है।

हेल्दी होता है मोटा अनाज

हेल्थ के जानकार मानते हैं कि मोटा अनाज न केवल बैड कोलेस्ट्ऱॉल घटाता है बल्कि गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता भी है। इन्सुलिन के लेवल को बैलेस करने में मोटा अनाज काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ब्लड प्रेशर को घटाता है। साथ ही इससे हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। खास बात यह है कि मोटे अनाज से आंतों के कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।

पेट के लिए उपयोगी

मोटा अनाज फाइबर रिच होता है जिसकी वजह से यह पाचन को सही करता है। ब्लोटिंग, कब्ज, पेट दर्द और गैस की समस्या को मोटा अनाज दूर कता है। वहीं यह भी एक्सपर्ट्स की यह भी राय है कि बाजरे और मक्के की रोटी कर सेवन कर प्री-डायबिटीज को भी ठीक किया जा सकता है।

शुगर के मरीजों को लिए लाभदायक

बाजरा मोटा अनाज खाने का सबसे अच्छा विकल्प है, इसके लिए एक कड़ाही में 2 कप अनाज को दो चम्मच तेल में भून लेना चाहिए। एक बार जब दाने सुनहरे भूरे रंग के हो जाएं, तो आंच को कम कर 3 कप वेज स्टॉक और कुछ ताज़ा धनिया इसमें मिला लेना चाहिए। इसे तब तक उबलने दें तब तक कि इसका लिक्विड सूखे न फिर आराम से इसे खा सकते हैं।

मौसम के अनुसार करना चाहिए मोटे अनाज का इस्तेमाल

मोटे अनाज का इस्तेमाल मौसम को ध्यान में रखकर करना चाहिए। जैसे- रागी, फॉक्सटेल बाजरा और बार्नयार्ड बाजरा गर्म तासीर का होता है, इनका उपयोग सर्दियों में फायदा पहुंचाता है। वहीं छोटा बाजरा और प्रोसो बाजरा की तासीर ठंडी है , इसलिए इसे गर्मियों में खा सकते हैं।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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