ICMR ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दरअसल ICMR की iDrone पहल के अंतर्गत ब्लड बैग डिलीवरी का ट्रायल रन किया गया। जिसे सफलता हासिल हुई है। जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
भारत में ड्रोन इकोसिस्टम का विस्तार
इस ट्रायल की सफलता से भारत में ड्रोन इकोसिस्टम का विस्तार होगा। इसके लिए राष्ट्रीय मिशन जारी रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपनी आईड्रोन पहल के तहत ड्रोन द्वारा ब्लड बैग की डिलीवरी करने का ट्रायल रन सफल किया है।
यह अतुलनीय कार्य ICMR, नई दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी), ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जीआईएमएस) और नोएडा स्थित जेपी इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (जेआईआईटी) के साझा सहयोग और प्रयास से किया गया है। देश में पहली बार एक बेहद महत्वपूर्ण वैलिडेशन स्टडी के हिस्से के तौर पर इस ट्रायल को अंजाम दिया गया है। इस ट्रायल उड़ान के द्वारा विजुअल लाइन ऑफ साइट (वीएलओएस) में जीआईएमएस और एलएचएमसी से रक्त के पूरे नमूनों की 10 यूनिट्स को पहुंचाया गया है।
संबंधी उद्देश्यों के लिए ड्रोन का उपयोग
ICMR स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ड्रोन का उपयोग करने में अव्वल है। इसके द्वारा मणिपुर और नागालैंड के दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा आपूर्ति, टीके और दवाओं के वितरण का कार्य बड़ी ही आसानी से किया जा रहा है। रक्त की ड्रोन आधारित डिलीवरी से आखिरी छोर तक रक्त पहुंचाने में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा।
ट्रायल के दौरान वैज्ञानिकों ने रक्त और रक्त उत्पादों के समय पर वितरण को लेकर चुनौतियों के बारे में समझ विकसित की। विशेष रूप से सुदूर क्षेत्रों और भारत के भीड़भाड़ वाले महानगरीय शहरों में वितरण को इससे काफी आसान बनाया जा सकेगा।
एलएचएमसी, जीआईएमएस और जेआईआईटी के विशेषज्ञ जो इस पर कार्य कर रहे हैं, आगे ड्रोन उड़ानें संचालित करेंगे ताकि पैक्ड लाल रक्त कोशिकाओं, ताजा फ्रोज़न प्लाज्मा, प्लेटलेट्स की गुणवत्ता को इस अध्ययन में अनुमति दिलवा सकें।