

कोविड-19 ने भले ही हमें वैश्विक अनिश्चितता के दौर में लाकर खड़ा कर दिया, लेकिन अगर इसके प्रभावों से हटकर अगर हम ये सोंचे कि हममें से किसी ने थोड़ा तो किसी ने ज्यादा हेल्थ की तरफ अपना रुझान बढ़ाया है। हमने हाइजिन को महत्व दिया, सार्वजनिक स्थानों के इस्तेमाल और रहन-सहन के एटिकेट्स (Etiquette) सीखे। हाल ही में इंडिया फोरम की रिपोर्ट से ये भी साबित हुआ है कि 65 फीसदी भारतीयों ने हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति अपनी रूचि दिखाई है जो 4 साल पहले तक आधे से भी कम थी।
कोविड-19 के उपजे हालातों से पूरी दुनिया बुरी तरह से प्रभावित हुई। भारत बुरे दौर से गुजरा। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के नाते हमारी चुनौतियां कहीं ज्यादा थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीयों ने हालातों का डकर सामना किया। कई मीडिया रिपोर्ट्स और सर्वे में ये साबित होते हैं कि कोविड के दौर में भारत की स्थिति दूसरे विकसित देशों से कहीं ज्यादा बेहतर थी। वहीं भारतीय प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के लीडरशिप को लेकर भी भारत को वैश्विक मंच पर तारिफें मिली।
भले ही कोविड-19 से उपजे हालातों से हम वैश्विक स्तर पर आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक उथल-पुथल से गुजरे हों लेकिन इस वैश्विक संकट के बीच राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के मूल्य पर एक नए दृष्टिकोण का विस्तार हुआ है। कोविड के बाद की स्थितियों ने वास्तव में हमारे समाजों के पहलुओं का पुनर्मूल्यांकन किया और हमें मानव जीवन को सबसे ऊपर महत्व देना सिखाया। यही वजह है कि भारत अब पोस्ट पेंडेमिक स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। जिसके लिए हर वर्ग तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच के लिए हेल्थ फॉर ऑल की शुरूआत की गई है।
‘हेल्थ फॉर ऑल’
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर हर साल वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारत एक थीम पर कार्य करता है। कोविड-19 के बाद उपजी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से हर वर्ग के मुक्त करने के लिए भारत सरका द्वारा ‘हेल्थ फॉर ऑल’ थीम रखी गई है।
‘हेल्थ फॉर ऑल’ का उद्देश्य
‘हेल्थ फॉर ऑल’ से पिछले 75 वर्षों के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित किया जाएगा, जिसने दुनिया भर में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में एक अहम भूमिका निभाई है। इसके माध्यम से मौजूदा और भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों पर काम किया जाएगा।
वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरित भारत
भारत वास्तव में वसुधैव कुटुम्बकम के अपने पौराणिक दर्शन को आज भी साथ लिए चलता है, इसकी वजह से ही हम ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं। वर्तमान में यह दर्शन अच्छी तरह से तब परिलक्षित हुआ, जब महामारी के समय बिना किसी व्यावसायिक लाभ पर विचार किए दर्जनों देशों को जरूरत के हिसाब से टीके और चिकित्सा आपूर्ति भारत के द्वारा प्रदान की गई। ऐसे समय में जब महामारी ने दुनिया की सार्वजनिक व्यवस्थाओं को प्रभावित किया तब भारत विशेष रूप से COVID आपूर्ति के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे अधिकांश देशों के साथ खड़ा रहा और बड़े पैमाने पर राहत और सहायता पहुंचा पहुंचाने का काम किया। अपने अनूठे दृष्टिकोण के माध्यम से भारत ने “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का संदेश देते हुए पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर दिया। जिसके लिए कई योजनाएं भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है।
आयुष्मान भारत मिशन
हाल के दिनों में भारत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई आयाम स्थापित किए हैं, जिसके तहत सभी आबादी के समग्र कल्याण और स्वास्थ्य को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए गरीबों, मध्यम वर्ग और वंचित समुदायों के लिए विभिन्न योजनाएं भी चला रही है। आयुष्मान भारत एक ऐसी ही महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य मिशन है जो विशेष रूप से ग्रामीण और कमजोर आबादी में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के विस्तार के लिए कार्य करता है। इस योजना से पूरे देश में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना
केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित योजना है। यह भारत की केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की जिम्मेदारी लेता है। इसके तहत प्रत्येक केंद्रीय कर्मचारी को एक सीजीएचएस कार्ड दिया जाता है, जिसके माध्यम से उसे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है और सीजीएचएस में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज के लिए उस अस्पताल की फीस में छूट भी दी जाती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) में बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य जन्म से अठारह (0 से 18) वर्ष तक के बच्चों में विशिष्ट बीमारी सहित 4डी यानी चार प्रकार की समस्याओं का जल्द से जल्द पता लगाना है। साथ ही इलाज भी मुहैया करवाना इसका उद्देश्य है। इन चार समस्याओं में जन्म के समय विकलांगता सहित जन्म दोष, बीमारी, कमी और विकास की जांच की जाती है।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम
भारत सरकार के इस कार्यक्रम के द्वारा युवाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है। 7 जनवरी, 2014 को यह शुरू हुआ था। यह कार्यक्रम भारत के सभी युवाओं को उनके स्वास्थ्य और सेहत के बारे में सूचित करके और जिम्मेदारी से निर्णय लेने के योग्य बनाकर उनकी क्षमताओं का उपयोग करने में सक्षम बनाना है।
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम
पिछले कुछ सालों से लगातार भारत के कई राज्यों ने मातृत्व मृत्यु दर में कमी जैसी उपलब्धियां हासिल की है। जिसकी वजह है जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम। इसकी शुरुआत करने से सभी गर्भवती महिलाओं को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रजनन कराने में प्रोत्साहन मिला। कमजोर नवजात शिशुओं के मुफ्त इलाज से शिशुओं की मृत्यु दर घटाने में सहायता भी मिली है।
मिशन इंद्रधनुष
भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी बच्चों को टीकाकरण के अंतर्गत लाने के लिये “मिशन इंद्रधनुष” की शुरुआत की थी। इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य उन बच्चों का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या डिफ्थेरिया, बलगम, टिटनस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगाए गए हैं।
स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छता और स्वच्छता प्रथाओं में सुधार करने के प्रयास से स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की गई। विशेष रूप से युवा पीढ़ी में स्वच्छता प्रथाओं को विकसित करने में यह कार्यक्रम काफी सहायक सिद्ध हुआ है। इसके अलावा भारत का राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) समाज के विभिन्न स्तरों और समाज के विभिन्न स्तरों पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी दे रहा है। इसके अलावा देश ने अपने
तकनीकी कौशल का लाभ उठाते हुए दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-संजीवनी और राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा जैसी पहल भी कर रही है।
भारत ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को बखूबी साबित किया है। जिसमें अपनी G20 अध्यक्षता के तहत देश स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक सहयोग प्राप्त करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने में मदद करने के लिए विभिन्न कदम उठाकर कार्य कर रही है। इसी भावना के साथ भारत दुनिया को स्वास्थ्य बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ते हुए अपने नागरिकों और दुनिया को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर आगे बढ़ रही है।
नोट- उक्त लेख मीडिया रिपोर्ट्स और भारत सरकार के द्वारा ऑफिशियल वेबसाइट पर दिए गए जानकारियों पर आधारित है। सी पॉजीटिव आप तक बेहतर और सही जानकारी लाने के उद्देश्य से यह लेख लेकर आया है। लेख में दी गई जानकारियों के बारे में ज्यादा जानने के लिए भारत सरकार की www.mygov.in पर विजिट कर सकते हैं।
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