

मानसिक स्वास्थ्य की समस्या आजकल आम बात हो गई है। इससे जूझ रहे लोगों में एक्सरसाइज करने से निराशा की भावना कम या खत्म होती है। साइकियाट्रिक रिसर्च में प्रकाशित एक रिसर्च में मानसिक स्वास्थ्य संकट से गुजर रहे लोगों ने रोजाना 30 मिनट तक कसरत किया। जिससे इन लोगों में अवसाद खत्म हुआ । इसके साथ ही इन लोगों में आत्महत्या के विचार भी नहीं आए।
महिलाओं पर हुआ रिसर्च
रिसर्चर्स ने उन महिलाओं पर शोध किया जिन्हें डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या के खयाल आ रहे थे। शोधकर्ताओं की टीम ने 18 से 65 की उम्र की महिलाओं पर स्टडी किया। इन सभी महिलाओं से कुछ सवाल पूछे गए, जिससे इनके अंदर निराशा और आशा की भावना का पता लगा। रोजाना चलने वाली थेरेपी के साथ उन्हें दो दिन एक्सरसाइज या कोई गतिहीन कार्य का चुनाव करने के लिए कहा गया। इसके बाद कुछ महिलाओं ने दो दिन के लिए 30-30 मिनट अपनी पसंद की एक्सरसाइज की और कुछ ने अपने कमरे में अकेले रहकर किताबें पढ़ने से लेकर गेम खेलने जैसे काम किए।
कसरत करने वाली महिलाओं में दिखे आशावादी होने के लक्षण
स्टडी में शामिल हुए सभी लोगों से फॉर्म भरवाकर उनके अनुभवों के बारे में फीडबैक लिया गया। जिससे यह पाया गया कि दो दिन एक्सरसाइज करने वाली महिलाओं में निराशा की कमी आयी है, जबकि कमरे में अकेले रहने वालों में कोई बदलाव नही हुआ।
वहीं इस रिसर्च में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भी यह प्रोग्राम काफी लाभदायक लगा और इसके कोई खराब नतीजे नहीं दिखाई दिए। इस प्रोग्राम को लागू करना भी आसान साबित हुए।
वहीं यह भी पता चला कि मरीज रोज अपने एक्सरसाइज के समय को लेकर काफी उत्साहित दिखाई दिया। साथ ही उस पर अवसाद की दवाओं से बेहतर असर पड़ा।
आउटडोर एक्सरसाइज का असर ज्यादा
स्टडी यह बताती है कि एक्सरसाइज से महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना का संचार हुआ। महिलाओं को इनडोर बुक रीडिंग और आउटडोर एक्सरसाइज जैसे टास्क दिये गए जिसे उन्होंने गंभीरता और उत्साह से पूरा किया। आउटडोर एक्सरसाइज से महिलाओं ने खुद में बेहतर महसूस किया।
नोट – यह लेख शोध और विभिन्न मीडिया पर आधारित रिपोर्ट्स पर आधारित है। गंभीर परेशानियों की स्थिति में विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।